दिल्ली दंगा: सीएए विरोधी प्रदर्शनों के वीडियो की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुंचीं देवांगना कलीता

फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की आरोपी छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर कहा है कि उन्हें मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और एक ग्रुप से संबंधित वॉट्सऐप चैट की ज़रूरत है. उन्होंने अदालत से इन्हें उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की है.

देवांगना कलीता. (फोटो साभार: ट्विटर)

फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की आरोपी छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर कहा है कि उन्हें मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और एक ग्रुप से संबंधित वॉट्सऐप चैट की ज़रूरत है. उन्होंने अदालत से इन्हें उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की है.

देवांगना कलीता. (फोटो: अखिल कुमार)

नई दिल्ली: साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की आरोपी देवांगना कलीता ने बीते गुरुवार (16 नवंबर) को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए सहित दो मामलों में अपने कुछ वीडियो और वॉट्सऐप चैट उपलब्ध कराने के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग की.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता की याचिकाओं पर नोटिस जारी कर जांच एजेंसी को अपना जवाब दाखिल करने को कहा, लेकिन इस बीच ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

कलीता ने दलील दी कि उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और चैट की जरूरत है, लेकिन दिल्ली पुलिस के वकील ने दलील दी कि उसकी याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मामलों में आगे की जांच अभी भी चल रही है और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई सामग्री आरोप-पत्र का हिस्सा नहीं है.

जस्टिस अमित बंसल ने मामले को 17 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और कहा, ‘जब तक मैं दोनों पक्षों को नहीं सुन लेता, तब तक रोक लगाने का कोई सवाल ही नहीं है.’

कलीता की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को रिकॉर्ड करने के लिए कुछ व्यक्तियों को नियुक्त किया था और आरोप तय करने पर दलीलें सुनने के लिए ट्रायल कोर्ट के आगे बढ़ने से पहले फुटेज उन्हें प्रदान किया जाना चाहिए.

कलीता की ओर से उनके वकील ने अदालत में कहा, ‘वे वीडियो ये प्रदर्शित करेंगे कि 22 से 26 फरवरी (2020) तक हम शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वीडियो यह प्रदर्शित करेंगे… मैं (आपराधिक मामलों में) आरोपमुक्त करने के अपने मूल्यवान अधिकार का प्रयोग करना चाहती हूं.’

वकील ने दलील दी, ‘मेरे खिलाफ मामला (वर्तमान मामले से संबंधित एक एफआईआर में) हत्या का है. मुझे जाफराबाद फ्लाईओवर के नीचे प्रदर्शनकारियों के एक समूह का हिस्सा बताया गया है. चुनिंदा स्क्रीनशॉट लिए गए हैं… मुझे ये वीडियो उपलब्ध कराए जाएं.’

वीडियो फुटेज के अलावा वकील ने एक समूह की ‘संपूर्ण वॉट्सऐप चैट’ भी मांगी, जिसके ‘चुनिंदा अंश’ कथित तौर पर याचिकाकर्ता के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक टकराव का रूप ले लिया था. हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 700 लोग घायल हो गए थे.

छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलीता, नताशा नरवाल, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों पर भी दंगों के संबंध में विभिन्न एफआईआर के तहत मामला दर्ज किया गया था.

कलीता, शरजील इमाम, खालिद सैफी, उमर खालिद और अन्य पर उस हिंसा के पीछे ‘मास्टरमाइंड’ होने का आरोप लगाया गया है, जो उस समय हुई थी जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय राजधानी में थे.