दिग्विजय सिंह ने हत्या मामले में भाजपा प्रत्याशी की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर धरना ख़त्म किया

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के दिन छतरपुर ज़िले के राजनगर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान सलमान खान नाम के कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहे थे.

कांंग्रेस कार्यकर्ता की मौत मामले में भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए धरने के दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ दिग्विजय सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के दिन छतरपुर ज़िले के राजनगर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान सलमान खान नाम के कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहे थे.

कांंग्रेस कार्यकर्ता की मौत मामले में भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए धरने के दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ दिग्विजय सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित हत्या के संबंध में भाजपा उम्मीदवार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के छतरपुर में खजुराहो पुलिस स्टेशन के बाहर दो दिनों से जारी अपना धरना समाप्त कर दिया.

मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए मतदान के दिन यानी 17 नवंबर को सलमान खान नाम के एक कांग्रेस कार्यकर्ता को एक कार ने कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. यह घटना राजनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों के साथ संघर्ष के दौरान हुई. इसके विरोध में दिग्विजय सिंह ने धरना शुरू किया था.

द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद दिग्विजय सिंह ने पार्टी विधायक आलोक चतुर्वेदी और विक्रम सिंह के साथ शनिवार (18 नवंबर) को विरोध प्रदर्शन शुरू किया और पुलिस स्टेशन के बाहर एक तंबू में रात बिताई थी.

शुक्रवार देर रात राजनगर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार अरविंद पटेरिया और कई अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

रविवार (20 नवंबर) सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने एफआईआर पर असंतोष व्यक्त करते हुए दावा किया कि हत्या के मामले में 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और खान की मौत में शामिल वाहन को भी जब्त नहीं किया गया है.

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्हें और खान के परिवार को दृढ़ता से विश्वास था कि राज्य की भाजपा सरकार के तहत उन्हें न्याय नहीं मिलेगा.

उन्होंने कहा, ‘अब तक कम से कम एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था या एक या दो वाहन जब्त किए जाने चाहिए थे. अगर कोई और होता तो अब तक बुलडोजर का इस्तेमाल हो चुका होता (आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त करने के लिए जैसा कि हाल के दिनों में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कुछ मामलों में किया गया है).’

विशेष रूप से दिग्विजय सिंह ने कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने पर आंदोलन को राज्यव्यापी बढ़ाने की चेतावनी दी थी, खासकर मामले के बारे में पटेरिया के बदलते बयानों को ध्यान में रखते हुए.

हालांकि, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है. यह इशारा करते हुए कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम सिंह नातीराजा ने खान की हत्या कर दी थी, शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कांग्रेस के प्रति पक्षपात दिखाया है.

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में भाजपा ने खजुराहो थाना प्रभारी संदीप खरे और छतरपुर पुलिस अधीक्षक अमित संघ पर कांग्रेस का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए मामले में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा की मदद करने का आरोप लगाया है.

शर्मा ने दावा किया कि पटेरिया पर विक्रम सिंह और उनके समर्थकों ने हमला किया था और शिकायत दर्ज करने के बावजूद कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दबाव में पुलिस ने उचित जांच किए बिना 20 भाजपा कार्यकर्ताओं सहित 35 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया.

शर्मा ने पुलिस स्टेशन के बाहर कांग्रेस के आंदोलन की अनुमति देने के लिए प्रशासन पर भी सवाल उठाया, जबकि विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता अभी भी लागू थी.

इस बीच दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन फिर से शुरू होगा.