कांग्रेस ने कंपनी को सहयोग देने पर हितों के टकराव का मामला उठाया, भाजपा ने कहा आरोप निरर्थक.
नई दिल्ली: हितों के टकराव का दावा करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निजी सचिव से जुड़ी एक कंपनी को उनके मंत्रालय द्वारा कथित सहयोग देने का आरोप लगाया और गडकरी से इस मामले में स्पष्टीकरण देने की मांग की.
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि निजी सचिव वैभव डांगे के खिलाफ निरर्थक आरोप बेवजह का हो-हल्ला है. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के आरोपों के मूल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता और बेदाग छवि है जिसके कारण देश की सबसे पुरानी पार्टी बुरी तरह परेशान है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि सड़क परिवहन मंत्री गडकरी के निजी सचिव डांगे की इंडियन फेडरेशन आॅफ ग्रीन एनर्जी (आईएफजीई) में पचास प्रतिशत भागीदारी है. उन्होंने कहा कि गडकरी तथा एक अन्य केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु आईएफजीई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं.
उन्होंने कहा कि आज पुणे में आईएफजीई एथानाल परिवहन ईंधन के रूप में विषय पर एक सम्मेलन आयोजित कर रहा है. यह सम्मेलन परिवहन मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान की भागीदारी में आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि पूर्व में इस कंपनी ने ऐसे कई आयोजन किए जिन्हें परिवहन मंत्रालय एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने सहयोग दिया.
रमेश ने कहा कि आईएफजीई की स्थापना नौ अक्टूबर 2014 में एक लाख रुपये की पूंजी से तथा शून्य नकदी एवं शून्य कोष के साथ की गई. उन्होंने कहा कि कंपनी पंजीयक के पास उपलब्ध कंपनी के बही खातों के अनुसार 31 मार्च 2016 तक इस कंपनी का कोष 1.33 करोड़ रुपये और नकदी 1.54 करोड़ रुपये हो गई. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं.
उन्होंने यह भी दावा किया कि आईएफजीई का कार्यालय दिल्ली में टालस्टाय मार्ग स्थित एक भवन के उस कक्ष में है जिसका स्वामित्व रवि बोराटकर करते हैं. बोराटकर न केवल इस कंपनी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं बल्कि पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड के भी निदेशक हैं. पूर्ति कंपनी का स्वामित्व गडकरी के परिवार के पास है.
रमेश ने यह भी दावा किया कि भले ही आईएफजीई से डांगे ने अब इस्तीफा दे दिया हो किंतु इसकी 50 प्रतिशत भागीदारी उन्हीं के पास है. कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य एवं अमित शाह के पुत्र जय के बारे में कुछ खुलासे हो चुके हैं. उन्होंने कहा, क्या प्रधानमंत्री मोदी शौर्य, जय और डांगे के बारे में कुछ बोलेंगे, कुछ करेंगे क्या वह अपने इन मंत्रियों द्वारा हितों के टकराव के बारे में कुछ कहेंगे?
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने दावा किया कि डांगे आरएसएस के काफी करीब भी हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दो केंद्रीय मंत्रियों द्वारा हितों के टकराव के इस मामले पर कुल बोलेंगे? क्या कोई कार्वाई करेंगे? उन्होंने सवाल किया कि क्या गडकरी एवं प्रभु ने मंत्रियों के आचरण संबंधी नियमों का उल्लंघन किया है?
उन्होंने कहा, हम इस तर्क को नहीं मान सकते कि गडकरी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्हें इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्या इस खुलासे के बाद डांगे इस्तीफा देंगे?
इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस निराधार आरोप लगाकर सरकार की छवि को खराब कर रही है. उन्होंने कहा, वैभव डांगे के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के आरोप बेजह का हो-हल्ला है. वैभव ने एक लिखित बयान में स्वयं इनका खंडन किया है.
राव ने कहा कि कांग्रेस हताशा में इस उम्मीद के साथ ऐसे आरोप लग रही है कि कुछ फंस जाएगा किंतु इससे उसकी साख ही घटेगी. उन्होंने कहा, मोदी सरकार बेदाग है तथा अखिल भारतीय भ्रष्ट कांग्रेस कभी भाजपा को उसकी ईमानादी पर चुनौती नहीं दे सकती है. कांग्रेस इन हल्के और दिशाहीन आरोपों से अपने अलावा किसी और को मूर्ख नहीं बना सकती.