उत्तर प्रदेश सरकार ने साधु टीएल वासवानी की जयंती पर 25 नवंबर को ‘नो नॉनवेज डे’ घोषित किया

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सभी जिला मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों को संबोधित एक पत्र में कहा गया है कि साधु टीएल वासवानी की जयंती को ‘अहिंसा’ दिवस के रूप में मनाया जाता है. राज्य के सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को इस दिन बंद रखने का आदेश दिया गया है.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सभी जिला मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों को संबोधित एक पत्र में कहा गया है कि साधु टीएल वासवानी की जयंती को ‘अहिंसा’ दिवस के रूप में मनाया जाता है. राज्य के सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को इस दिन बंद रखने का आदेश दिया गया है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार (24 नवंबर) को शाकाहारी जीवनशैली की वकालत करने वाले साधु टीएल वासवानी की जयंती पर 25 नवंबर को ‘नो नॉनवेज डे’ घोषित किया. उत्तर प्रदेश के सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को इस दिन (शनिवार) को बंद रखने का आदेश दिया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में विशेष सचिव धर्मेंद्र प्रताप सिंह द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है, ‘हमारे देश के महापुरुषों, जिन्होंने ‘अहिंसा’ का सिद्धांत प्रतिपादित किया, की जयंती को ‘अहिंसा’ दिवस के रूप में मनाया जाता है. जैसे हम महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती और साधु टीएल वासवानी जयंती मनाते हैं.’

पत्र में आगे कहा गया है, ‘यूपी सरकार राज्य में बूचड़खानों को बंद रखने के लिए अधिसूचना जारी कर रही है. 25 नवंबर, 2023 को साधु टीएल वासवानी की जयंती के अवसर पर इसे ‘नो नॉनवेज डे’ घोषित किया गया है. उस दिन सभी बूचड़खाने और मांस की दुकानें बंद रहेंगी.’

सरकार द्वारा जारी इस पत्र में सभी जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), मंडलायुक्तों, नगर निगम आयुक्तों और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया गया है.

मीरा आंदोलन शुरू करने वाले शिक्षाविद् साधु थानवरदास लीलाराम (टीएल) वासवानी का जन्म हैदराबाद सिंध (अब पाकिस्तान में) में एक सिंधी परिवार में हुआ था. उन्होंने देश में महिलाओं की शिक्षा और मुक्ति के लिए आवाज उठाई थी. एक प्रतिभाशाली वक्ता और लेखक, वासवानी ने शाकाहारी जीवन शैली की भी वकालत की थी.

यूपी सरकार की यह घोषणा राज्य में हलाल-सर्टिफिकेट वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के कुछ दिनों बाद हुई है.