पंजाब: पिछले साल प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के लिए बठिंडा के पुलिस अधीक्षक निलंबित

फ़िरोज़पुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) गुरबिंदर सिंह के ख़िलाफ़ की गई यह कार्रवाई लगभग दो वर्षों में आम आदमी सरकारी द्वारा इस मामले में की गई पहली कार्रवाई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने अगस्त 2022 में सुरक्षा में चूक के लिए फ़िरोज़पुर के तत्कालीन वरिष्ठ एसपी हरमनदीप सिंह हंस को दोषी ठहराया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

फ़िरोज़पुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) गुरबिंदर सिंह के ख़िलाफ़ की गई यह कार्रवाई लगभग दो वर्षों में आम आदमी सरकारी द्वारा इस मामले में की गई पहली कार्रवाई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने अगस्त 2022 में सुरक्षा में चूक के लिए फ़िरोज़पुर के तत्कालीन वरिष्ठ एसपी हरमनदीप सिंह हंस को दोषी ठहराया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: पंजाब के फिरोजपुर जिले में 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल में हुए एक बड़े उल्लंघन पर 22 महीने बाद कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने कर्तव्य में लापरवाही बरतने के लिए बठिंडा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गुरबिंदर सिंह को निलंबित कर दिया है. सिंह तब फिरोजपुर में एसपी (ऑपरेशंस) थे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पंजाब के गृह मामले और न्याय सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह के 21 नवंबर के पत्र में कहा गया है कि इस साल 18 अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि एसपी गुरबिंदर सिंह ने अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया.

तत्कालीन फिरोजपुर एसपी को निलंबित करना पंजाब की आप सरकार द्वारा लगभग दो वर्षों में की गई पहली कार्रवाई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने अगस्त 2022 में सुरक्षा में चूक के लिए फिरोजपुर के तत्कालीन वरिष्ठ एसपी हरमनदीप सिंह हंस को दोषी ठहराया था. हंस फिलहाल मोहाली में एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं.

बता दें कि घटना के बाद पंजाब सरकार और केंद्र के बीच हुए वाकयुद्ध के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी 2022 को सुरक्षा में चूक के ठीक एक हफ्ते बाद अपनी पूर्व न्यायाधीश जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की थी. अगस्त 2022 में समिति ने कहा था कि समय, पर्याप्त बल और विरोध करने वाले समूहों की जानकारी होने के बावजूद फिरोजपुर के तत्कालीन वरिष्ठ एसपी हरमनदीप सिंह हंस प्रधानमंत्री के मार्ग पर सुरक्षा बढ़ाने में विफल रहे थे.

ज्ञात हो कि कि 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी का काफिला बठिंडा हवाई अड्डे से फिरोजपुर के हुसैनीवाला के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया था. काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा, जिसे सुरक्षा प्रोटोकॉल के बड़े उल्लंघन के रूप में देखा गया. भारी बारिश के कारण बठिंडा से फिरोजपुर जाने के लिए उन्होंने सड़क मार्ग चुना था.

प्रधानमंत्री तब – कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद पहली बार- पंजाब यात्रा पर थे, जहां उन्हें पीजीआई उपग्रह केंद्र की आधारशिला रखनी थी और साथ ही 40,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करना था. उन्होंने पीजीआई उपग्रह केंद्र स्थल पर भी रैली को संबोधित नहीं किया और दिल्ली के लिए उड़ान भरने के लिए बठिंडा लौट गए.

पंजाब के गृह मामले और न्याय सचिव के पत्र में कहा गया है कि एसपी गुरबिंदर सिंह को प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई थीं. पत्र में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निलंबन अवधि के दौरान चंडीगढ़ में डीजीपी पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने को भी कहा गया है. उन्हें बठिंडा से तुरंत कार्यमुक्त कर दिया गया है.

फिरोजपुर पुलिस ने 150 से ज्यादा किसानों के खिलाफ आईपीसी 283 के तहत एफआईआर भी दर्ज की थी, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

संपर्क करने पर बठिंडा रेंज के अतिरिक्त डीजीपी सुरिंदर पाल सिंह परमार ने एसपी गुरबिंदर सिंह के निलंबन की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘सूचना मिलने के तुरंत बाद हमने गुरबिंदर सिंह को कार्यमुक्त कर दिया.’