केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ रखा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. ‘आयुष्मान भारत मंदिर’ के साथ ‘आरोग्यम परमं धनम्’ नाम से टैगलाइन भी दी गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ab-hwc.nhp.gov.in/)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. ‘आयुष्मान भारत मंदिर’ के साथ ‘आरोग्यम परमं धनम्’ नाम से टैगलाइन भी दी गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ab-hwc.nhp.gov.in/)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मौजूदा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) का नाम बदलकर ‘आरोग्यम परमं धनम्’ टैगलाइन के साथ ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ करने का निर्णय लिया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें यह भी रेखांकित किया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का लोगो नए नाम के साथ इन (रीब्रांडेड) केंद्रों में बरकरार रखा जाएगा. बीते 25 नवंबर को जारी पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि वेलनेस सेंटर सोच और स्वास्थ्य सेवाओं को बीमारी से कल्याण की ओर ले जाने में सफल रहे हैं.

पत्र में कहा गया है, ‘अब एक कदम आगे बढ़ते हुए और आयुष्मान भारत के सपने को साकार करते हुए सक्षम प्राधिकारी ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर ‘आरोग्यम परमं धनम्’ टैगलाइन के साथ ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ करने का निर्णय लिया है.’

पत्र में कहा गया है कि अगर ब्रांडिंग के लिए देवनागरी (हिंदी) या अंग्रेजी के अलावा अन्य लिपियों का उपयोग किया जाना है, तो पूर्ण और सटीक शीर्षक का राज्य भाषा (भाषाओं) में अनुवाद किया जा सकता है, लेकिन टैगलाइन को राज्य भाषा (भाषाओं) में लिप्यंतरित किया जाना चाहिए. मौजूदा सुविधाओं का नाम बदलने के लिए आवश्यक धनराशि 3,000 प्रति स्वास्थ्य केंद्र प्रस्तावित की गई है.

केंद्रों द्वारा रीब्रांडिंग पूरी करने के बाद राज्यों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर नए नाम के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की नई तस्वीरें अपलोड करनी होंगी.

भारत में वर्तमान में 1.6 लाख से अधिक एबी-एचडब्ल्यूसी हैं, जिसका उद्देश्य लोगों के घरों के नजदीक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं सहित व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और मुफ्त आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं प्रदान करना है. केंद्र हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मुंह, स्तन और सर्वाइकल कैंसर के लिए जांच प्रदान करता है.