क्रिकेट विश्वकप फाइनल मुक़ाबले के बाद पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने के आरोप में 7 कश्मीरी छात्र गिरफ़्तार

मामला जम्मू कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का है. आरोप है कि कश्मीरी छात्रों ने बीते 19 नवंबर को हुए क्रिकेट विश्वकप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे. पुलिस ने छात्रों के ख़िलाफ़ ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

19 नवंबर 2023 को अहमदाबाद में क्रिकेट विश्वकप के फाइनल मुक़ाबले में जीत के बाद जश्न मनाते ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशेन और ग्लेन मैक्सवेल. (फोटो साभार: x/@cricketworldcup)

मामला जम्मू कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का है. आरोप है कि कश्मीरी छात्रों ने बीते 19 नवंबर को हुए क्रिकेट विश्वकप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे. पुलिस ने छात्रों के ख़िलाफ़ ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

(फोटो साभार: ट्विटर/@cricketworldcup)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के गांदरबल में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नामांकित सात कश्मीरी छात्रों को बीते 19 नवंबर को हुए पुरुष क्रिकेट विश्वकप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार पर केंद्र शासित प्रदेश के बाहर के छात्रों के साथ झड़प के बाद गिरफ्तार किया गया है.

स्क्रॉल ने एफआईआर की प्रति के हवाले से बताया है कि छात्रों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 और सार्वजनिक शरारत एवं आपराधिक धमकी से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गांदरबल के पुलिस अधीक्षक निखिल बोरकर ने सात छात्रों की गिरफ्तारी की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने उन आरोपों का खुलासा नहीं किया जिनके तहत छात्रों पर मामला दर्ज किया गया है.

बोरकर ने कहा, ‘हमने कुछ धाराएं लगाई हैं, लेकिन जब भी किसी मामले की जांच होती है तो जांच के निष्कर्षों के आधार पर कुछ धाराएं जोड़ी या हटा दी जाती हैं. जांच जारी है और जो भी होगा, हम आपको उस समय बता देंगे.’

विश्वकप फाइनल के एक दिन बाद दर्ज किया गया मामला जम्मू कश्मीर के बाहर के एक छात्र की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. सातों छात्रों को 20 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.

शिकायत में छात्र ने विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन विभाग में नामांकित सात स्थानीय कश्मीरी छात्रों का नाम लिया है, जिन्होंने कथित तौर पर भारत का समर्थन करने के लिए उसके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया और ‘धमकी’ दी. शिकायत में लिखा है, ‘उन्होंने मुझे धमकी दी कि मैं चुप रहूं अन्यथा मुझे गोली मार दी जाएगी.’

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी छात्रों ने मैच के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, ‘जिससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के बाहर के छात्रों में डर पैदा हो गया.’

विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर स्क्रॉल को बताया कि यह घटना 19 नवंबर को गांदरबल जिले में विश्वविद्यालय के शुहामा परिसर के दो स्नातक छात्रावासों में से एक में हुई थी, जब भारत फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था.

अधिकारी ने कहा, ‘शिकायतकर्ता, जो ज्यादातर जम्मू कश्मीर के बाहर के छात्र हैं, का आरोप है कि छात्रावास में रहने वाले कुछ स्थानीय छात्र खुश थे और उन्होंने छात्रावास में नारे लगाना शुरू कर दिया. उनका यह भी आरोप है कि कुछ छात्र उन्हें धमकी देने भी आए थे.’

अधिकारी ने कहा कि हालांकि छात्रों के बीच कोई हिंसा या झड़प नहीं हुई, लेकिन शिकायतकर्ताओं ने छात्रावास के अंदर कथित नारेबाजी का वीडियो बना लिया. अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने पुलिस को एक वीडियो सौंपा है, जिसमें कुछ छात्र अंधेरे में नारे लगा रहे हैं.’

अधिकारी के मुताबिक, वर्तमान में सातों आरोपी पुलिस रिमांड में हैं. ज्यादातर पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में चौथे वर्ष के स्नातक छात्र हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. ये छात्र अपनी डिग्री पूरी करने के कगार पर हैं.’

यह पहली बार नहीं है कि जम्मू कश्मीर के किसी शैक्षणिक संस्थान में क्रिकेट मैच के कारण स्थानीय और गैर-स्थानीय छात्रों के बीच टकराव हुआ हो.

2021 में भी जम्मू कश्मीर पुलिस ने टी20 विश्व कप मैच में भारत पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाने वाले मेडिकल कॉलेजों के छात्रों और कर्मचारियों पर यूएपीए के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था.

2016 में टी20 विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत के वेस्टइंडीज से हारने के बाद श्रीनगर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र आपस में भिड़ गए थे. इसी तरह, गैर-स्थानीय छात्रों ने तब स्थानीय कश्मीरी छात्रों पर भारत की हार का जश्न मनाने का आरोप लगाया था, जिसके कारण हिंसक झड़पें हुईं.