मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बालाघाट के कलेक्टर पर डाक मत-पत्र (पोस्टल बैलेट) स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकालने का आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग की है. पार्टी ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है. हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया नियमों के दायरे में संपन्न हुई थी.
नई दिल्ली:: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वह बालाघाट कलेक्टर के खिलाफ कथित रूप से डाक मत-पत्र (पोस्ट बैलट) स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकालने और कदाचार में लिप्ट होने के लिए कार्रवाई करें.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से सोमवार को इससे संबंधित एक वीडियो भी साझा किया गया. पार्टी ने वीडियो के साथ भाजपा पर वोट चुराने के आरोप लगाए थे.
निर्वाचन को कलंकित करते बालाघाट कलेक्टर
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा ने आज 27 नवंबर को ही स्ट्रांग रूम खुलवाकर बिना अभ्यर्थियों को सूचना दिए डाक मतपत्रों की पेटियां खोल दी है।
अंतिम साँसें गिनती शिवराज सरकार और सरकार की अंधभक्ति में लीन कलेक्टर… pic.twitter.com/I1UrKmHK5B
— MP Congress (@INCMP) November 27, 2023
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुपम रंजन ने सोमवार को आरोपों को खारिज किया और कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने प्रक्रिया पर संतुष्टि जाहिर की है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 17 नवंबर को हुआ था और मतों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी.
राजन ने बताया, ‘सेवा मत (डाक मत-पत्र) अधिकृत कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के एजेंटों की मौजूदगी में स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकालकर विधासभा-वार अलग किए जा रहे थे. इन्हें उनके लिए बनी पेटियों में रखा गया था.’
उन्होंने कहा कि बैहर विधानसभा के कुल 429 डाक मत-पत्र, लांजी के 553, परसवाड़ा के 452, बालाघाट के 1308, वारासिवनी के 391 और कटंगी के 126 डाक मत-पत्र अधिकृत प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अलग-अलग किए गए.
कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया, जो पार्टी के चुनाव मामलों के प्रभारी हैं, ने एक ज्ञापन में आरोप लगाया कि डाक मत-पत्रों को भंडार कक्ष से बाहर निकालकर कर्मचारियों को सौंप दिया गया, जो उन्हें अपनी मनमर्जी से संभाल रहे थे.
धनोपिया ने कहा, इसलिए अब उनकी पवित्रता संदेह के दायरे में है और बालाघाट कलेक्टर गिरीश चंद्र मिश्रा एवं प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारियों के निलंबन की मांग की.
कलेक्टर कार्यालय के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक बयान में मिश्रा ने कहा कि स्थानीय तहसील कार्यालय में बनाया गया स्ट्रॉन्ग रूम पार्टियों के अधिकृत पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में डाक मत-पत्रों के पृथक्करण के लिए खोला गया था.
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार, विभिन्न जिलों से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीबीपीएस) के जरिये आने वाले मत-पत्र स्ट्रॉन्ग रूम खोलने के बाद हर दिन दिन में तीन बजे विधानसभा-वार अलग-अलग किए जाते हैं. फिर चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मत-पत्रों को सावधानीपूर्वक बंडलों में रखा जाता है.
उन्होंने बयान में कहा कि किसी ने इस प्रक्रिया का वीडियो बना लिया और भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए फैला दिया.
उन्होंने इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए संभागीय आयुक्त ने सोमवार (27 नवंबर) की शाम नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को प्रक्रिया संपन्न कराने में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया.
एक वीडियो बयान में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष शफकत खान ने कहा है कि मामला कुछ भ्रम पैदा होने का नतीजा था और उनकी पार्टी चुनाव अधिकारियों से सफाई और स्पष्टीकरण मिलने के बाद प्रक्रिया से संतुष्ट है.
कांग्रेस और अन्य दलों के पोलिंग एजेंटों ने एक पत्र पर भी हस्ताक्षर किए और इसे चुनाव अधिकारियों को सौंप दिया, जिसमें डाक मत-पत्रों के पृथक्करण की पूरी प्रक्रिया के विवरण का उल्लेख था.
हालांकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने मंगलवार (28 नवंबर) को एक्स पर अपने विचार रखते हुए पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए और उसे कदाचार से जोड़ा.
पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा लोकतंत्र के बुनियादी उसूल हैं। कल बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। उसके बाद सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने की कोशिश की, वह और भी अक्षम्य अपराध है।
मैं चुनाव प्रक्रिया…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 28, 2023