तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा के अनावरण के बाद एक समारोह में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अगर केंद्र सरकार निजीकरण करके सब कुछ निजी हाथों में सौंप देती है तो जिन लोगों को हमने अधिकार दिलाए, वह उन्हें खो देंगे. इतने संघर्षों के बाद हमने जो कुछ भी हासिल किया, वह सब हम खो देंगे.
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार (27 नवंबर) को चेन्नई में कहा कि अगर केंद्र सरकार हर चीज का निजीकरण कर देती है, तो समाज के उत्पीड़ित वर्गों के लोग उन अधिकारों को खो देंगे, जो विभिन्न राजनेताओं ने उन्हें प्रदान किए थे.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा के अनावरण के बाद एक समारोह में बोलते हुए अखिलेश ने कहा, ‘अब जातिगत जनगणना का मुद्दा है. निजीकरण की दिशा में केंद्र सरकार के प्रयास समानता के लिए हमारे द्वारा किए गए संघर्षों को निष्प्रभावी कर देंगे.’
उन्होंने कहा कि अगर सरकार निजीकरण करके सब कुछ निजी हाथों में सौंप देती है तो जिन लोगों को हमने अधिकार दिलाए, वह उन्हें खो देंगे. इतने संघर्षों के बाद हमने जो कुछ भी हासिल किया, वह सब हम खो देंगे. हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. हमें आंबेडकर, मंडल और राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलना होगा.
पिछड़े वर्गों के लिए 27 फीसदी आरक्षण के लिए बीपी मंडल आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के विरोध में 1990 के दशक की शुरुआत में हुए विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने एक घटना को याद किया, जिसमें एक युवक ने दिल्ली में यह कहते हुए आत्मदाह कर लिया था कि उसे लगता है कि उसका कोई भविष्य नहीं है.
अखिलेश ने कहा, ‘आज, वही लोग जिन्होंने (ओबीसी आरक्षण का विरोध करते हुए) अपनी जान दे दी थी, ईडब्ल्यूएस श्रेणी (खुली प्रतिस्पर्धा श्रेणी के बीच) के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग में सबसे आगे हैं. लेकिन हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं. हम जानते हैं कि जो हजारों वर्षों से हमारा होना चाहिए था, वह उन प्रधानमंत्री के प्रयासों के बिना हमें नहीं मिला होता जिनकी प्रतिमा का आज अनावरण किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष मंडल आयोग के साथ शुरू नहीं हुआ, बल्कि दक्षिण भारत के पेरियार जी (समाज सुधारक ईवी रामासामी), हमारे मुख्यमंत्री के पिता (एम. करुणानिधि) और पिछड़े वर्गों और दलितों के समर्थन में आगे आए कई नेताओं के प्रयासों से शुरू हुआ.’
वीपी सिंह की प्रतिमा स्थापित करने में स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘आप एक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारे प्रसिद्ध कॉलेजों में से एक में प्रतिमा लगाने का यह प्रयास हमें और आने वाली पीढ़ियों को साहस देता है. मुझे विश्वास है कि न्याय और सम्मान चाहने वाले हमारे साथ खड़े होंगे, हमारे साथ चलेंगे और संघर्ष को मजबूत करते हुए आपका साथ देंगे.’
स्टालिन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रतिमा स्थापित करने के आपके प्रयास सभी उत्पीड़ित लोगों को आत्मविश्वास देंगे. चाहे वे बिहार में हों या हरियाणा में, वे आपको धन्यवाद देंगे. यह प्रतिमा न केवल लोगों और अधिकारों के लिए उनके संघर्ष के बारे में बोलती है, बल्कि 2024 के चुनावों के लिए एक संदेश भी है.’