गुजरात के सूरत शहर के सचिन औद्योगिक क्षेत्र में एथर इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रासायनिक विनिर्माण इकाई में एक टैंक में भीषण विस्फोट के बाद बीते 29 नवंबर को आग लग गई थी. ज़िला कलेक्टर ने कहा कि घटना में मृत पाए गए सात लोगों में से एक कंपनी के कर्मचारी थे, जबकि छह अन्य संविदा कर्मचारी थे.
नई दिल्ली: गुजरात के सूरत में एक रसायन निर्माण फैक्ट्री के भंडारण टैंक में भीषण विस्फोट के बाद आग लगने से कम से कम सात श्रमिकों की मौत हो गई. इनके शव बीते गुरुवार (30 नवंबर) की सुबह परिसर से बरामद कर लिए गए थे.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सूरत जिला कलेक्टर आयुष ओक ने बताया कि, शहर के सचिन औद्योगिक क्षेत्र में एथर इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रासायनिक विनिर्माण इकाई में मृत पाए गए सात लोगों में से एक कंपनी के कर्मचारी थे, जबकि छह अन्य संविदा कर्मचारी थे.
उन्होंने कहा, ‘फैक्ट्री परिसर में तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों को सात श्रमिकों लोगों के शव मिले, जो बुधवार (29 नवंबर) को संयंत्र में लगी आग के बाद लापता हो गए थे.’
लापता लोगों की पहचान दिव्येश पटेल (कंपनी कर्मचारी), संतोष विश्वकर्मा, सनत कुमार मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार, गणेश प्रसाद, सुनील कुमार और अभिषेक सिंह के रूप में की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सहायक पुलिस आयुक्त आरएल मवानी ने कहा, ‘हमारे पास उन सात मजदूरों के नामों की सूची है, जिनका पता नहीं चल सका है. हमें संदेह है कि शव उनके हैं. हम इन शवों के डीएनए नमूने लेंगे और उनकी पहचान के लिए उनके परिवारों के नमूनों से उनका मिलान करेंगे. हम परिवार के सदस्यों से संपर्क कर रहे हैं.’
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कलेक्टर ने कहा कि घटना में घायल हुए 24 लोगों का फिलहाल अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
केमिकल प्लांट में बुधवार तड़के करीब दो बजे एक बड़े टैंक में रखे ज्वलनशील रसायनों के रिसाव के बाद हुए विस्फोट से आग लग गई थी. आग पर काबू पाने के लिए चलाए गए अभियान में करीब 15 दमकल गाड़ियां लगाई गई थीं, जो लगभग नौ घंटे तक चला.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एथर इंडस्ट्रीज के निदेशक कमल तुलस्यान ने कहा, ‘हम सरकारी नियमानुसार मुआवजा देने के लिए तैयार हैं. हम मृतकों के परिवारों को अतिरिक्त राशि भी देंगे.’
इस बीच सचिन जीआईडीसी पुलिस ने घटना को लेकर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.