खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रचने के मामले में अमेरिकी अभियोजकों ने एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसे आरोपों में ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है, को आरोपी बताया है. शामिल हैं. गुप्ता इस ‘साज़िश’ में तब शामिल हुए, जब ‘सीसी-1’ ने आश्वासन दिया था कि गुजरात में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एक केस का ‘ध्यान रखा जाएगा’.
नई दिल्ली: गुजरात पुलिस ने कहा है कि उसके किसी भी दस्तावेज में निखिल गुप्ता (52 वर्ष) के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज नहीं है. अमेरिका ने भारतीय नागरिक (गुप्ता) पर खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. गुप्ता इस समय चेक गणराज्य में हैं और अमेरिका प्रत्यर्पण किए जाने का इंतजार कर रहे हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीते शुक्रवार (1 दिसंबर) को डीजीपी विकास सहाय ने बताया, ‘हमने निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति के बारे में पूछताछ की है. प्रथमदृष्टया जांच में उनके खिलाफ कोई मामला नहीं मिला. मैंने गुजरात में सभी चार आयुक्तालयों (Commissionerate) से इसकी पुष्टि की है. शहर के सभी डीसीपी ने पुष्टि की कि उन्हें नहीं पता कि निखिल गुप्ता कौन हैं.’
बीते 29 नवंबर को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में विस्फोटक आरोप दायर किए थे, जिसमें बताया गया है कि कैसे एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ के आदेश पर खालिस्तान समर्थक संगठन चलाने वाले एक अमेरिकी नागरिक को मारने की साजिश को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने विफल कर दिया गया था.
जिस अमेरिकी व्यक्ति की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया गया है, अभियोग में उन्हें केवल ‘पीड़ित’ कहा गया है. हालांकि जाहिर तौर पर ये व्यक्ति गुरपतवंत सिंह पन्नू हैं, जो भारत में प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख हैं.
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा पहचाने गए साजिशकर्ताओं में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसे आरोपों में ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है, शामिल हैं. दोनों भारत में थे और यहीं से ऑपरेशन का निर्देशन कर रहे थे.
अभियोग में 18 जून 2023 को कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के बारे में जानकारी भी शामिल है. इस घटनाक्रम से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों को बल मिला है, जिसमें उन्होंने निज्जर की हत्या से भारत सरकार के तार जोड़े थे.
अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के अनुसार, गुप्ता ‘साजिश’ को अंजाम देने के लिए तब सहमत हो गए थे, जब उन्हें भारत सरकार के एक अधिकारी, जिसका कोडनेम ‘सीसी-1’ था, ने आश्वासन दिया कि गुजरात में उनके खिलाफ दर्ज एक मादक द्रव्य मामले का ‘ध्यान रखा जाएगा’. भारतीय अधिकारी ने कहा था, ‘आपके गुजरात (मामले) का ध्यान रखा गया है’ और ‘कोई भी आपको फिर कभी परेशान नहीं करेगा’.
अमेरिकी संघीय अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी ने गुप्ता को उनके और गुजरात के एक पुलिस उपायुक्त के बीच एक बैठक आयोजित करने की पेशकश की थी.
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, गुप्ता ने सीसी-1 और अन्य के साथ अपने संचार में अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में अपनी संलिप्तता का वर्णन किया है.
हालांकि गुजरात पुलिस ने कहा है कि उसे हथियारों या नशीली दवाओं की तस्करी या हस्तक्षेप से संबंधित किसी भी मामले में निखिल गुप्ता नाम का कोई संदिग्ध व्यक्ति भी नहीं मिला है.
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