एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में समाजवादी पार्टी द्वारा सबसे अधिक 561.46 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की गई, जो 2021-22 में 1.23 प्रतिशत बढ़कर 568.369 करोड़ रुपये हो गई. इसके बाद भारत राष्ट्र समिति का नंबर है, जिसकी संपत्ति 2020-21 में 319.55 करोड़ रुपये थी जो 2021-22 में 512.24 करोड़ रुपये हो गई.
नई दिल्ली: चुनाव सुधार को लेकर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के शीर्ष 10 क्षेत्रीय दलों ने 2020-21 में 1,959.351 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो 2021-22 में 48.48 प्रतिशत बढ़कर 2,909.186 करोड़ रुपये हो गई है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एडीआर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि, 2020-21 में समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा सबसे अधिक 561.46 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की गई, जो 2021-22 में 1.23 प्रतिशत बढ़कर 568.369 करोड़ रुपये हो गई. इसके बाद भारत राष्ट्र समिति का नंबर आता है, जिसकी संपत्ति 2020-21 में 319.55 करोड़ रुपये थी, जो 2021-22 में बढ़कर 512.24 करोड़ रुपये हो गई.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति 2,249.25 करोड़ रुपये थी, जबकि 37 क्षेत्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 3,000.62 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की.
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020-21 से 2021-22 के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की संपत्ति 115.708 करोड़ रुपये से बढ़कर 399.054 करोड़ रुपये (244.88 प्रतिशत), बीजू जनता दल (बीजेडी) की संपत्ति 194.495 करोड़ रुपये से बढ़कर 474.42 करोड़ रुपये (143.92 प्रतिशत) और जनता दल (यूनाइटेड) की संपत्ति 86.26 करोड़ रुपये से बढ़कर 168.89 करोड़ रुपये (95.78 प्रतिशत) हो गई. इसी अवधि में आम आदमी पार्टी (आप) की कुल संपत्ति 71.76 प्रतिशत बढ़कर 21.82 करोड़ रुपये से 37.47 करोड़ रुपये हो गई.
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) शीर्ष 10 में शामिल एकमात्र पार्टियां हैं, जिनकी घोषित वार्षिक संपत्ति में क्रमश: 1.55 प्रतिशत और 3.04 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.
वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच एआईएडीएमके की संपत्ति 260.166 करोड़ रुपये से घटकर 256.13 करोड़ रुपये हो गई, वहीं टीडीपी की संपत्ति 133.423 करोड़ रुपये से घटकर 129.372 करोड़ रुपये हो गई है.
जहां तक देनदारियों का सवाल है, एडीआर रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष 10 क्षेत्रीय दलों पर 2021-22 में 72.618 करोड़ रुपये की वार्षिक देनदारियां थीं, जो 2020-21 से 42.41 प्रतिशत की वृद्धि है.
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान टीडीपी द्वारा सबसे अधिक 42.584 करोड़ रुपये की देनदारी घोषित की गई थी. इसी अवधि में बीजद और आप द्वारा घोषित कुल वार्षिक देनदारियों में क्रमशः 1481.40 प्रतिशत और 222.50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
दूसरी ओर, जनता दल (सेक्युलर) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) की कुल वार्षिक देनदारियों में क्रमश: 8.29 प्रतिशत और 8.33 प्रतिशत की कमी देखी गई.