पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के राजभवन में नगालैंड राज्य दिवस समारोह का आयोजन करने की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि हम यहां राजभवन में नगालैंड दिवस मनाते हैं, जबकि जब जम्मू कश्मीर की बात आती है तो हम ‘केंद्र शासित प्रदेश दिवस’ मनाते हैं. यह यहां के लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है.
नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने बीते शनिवार को कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू स्थित राजभवन में ‘नगालैंड राज्य दिवस’ मनाकर जम्मू कश्मीर के लोगों के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया है.
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत नगालैंड राज्य दिवस बीते शुक्रवार (1 दिसंबर) को जम्मू के राजभवन में उत्साह के साथ मनाया गया था.
बीते शनिवार (2 दिसंबर) को उमर ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट किया, ‘जम्मू कश्मीर में विडंबना खत्म हो रही है. यहां हम राजभवन में नगालैंड राज्य दिवस मनाते हैं, जबकि जब जम्मू कश्मीर की बात आती है तो हम ‘केंद्र शासित प्रदेश दिवस’ मनाते हैं. यह यहां के लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है.’
Irony comes to die in J&K. Here we celebrate Nagaland Statehood day in Raj Bhavan, Jammu while celebrating “Union Territory Day” when it comes to J&K. Talk about rubbing salt in to the wounds of the people here. pic.twitter.com/4IKsbv1w5M
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 2, 2023
2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. 31 अक्टूबर 2019 को गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया था.
5 अगस्त 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उचित समय पर जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था, लेकिन बढ़ती मांग के बावजूद केंद्र ने अब तक ऐसा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 31 अक्टूबर को उपराज्यपाल प्रशासन ने इसकी चौथी वर्षगांठ को ‘केंद्रशासित प्रदेश स्थापना दिवस’ के रूप में मनाया था. इस घटना पर विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया था.
प्रशासन ने इस अवसर का जश्न मनाने के लिए पूरे जम्मू कश्मीर में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार की थी, जिसमें इस कदम के लिए समर्थन दिखाने के लिए हजारों सरकारी कर्मचारियों और छात्रों को शामिल किया गया था.
नगालैंड को 1964 में असम से अलग कर एक अलग राज्य का दर्जा दिया गया था, उस समय जम्मू कश्मीर को बड़े पैमाने पर स्वायत्तता प्राप्त थी और उसका अपना ‘प्रधानमंत्री’ हुआ करता था.
रिपोर्ट के अनुसार, एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी के कलाकारों ने राज्य दिवस समारोह में नगालैंड के नृत्य रूपों पर आधारित कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. जम्मू कश्मीर में रह रहे नगालैंड के सुरक्षाकर्मी, छात्र और अन्य लोग इस कार्यक्रम में विशेष तौर पर आमंत्रित थे.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दौरान कहा था कि नगालैंड ने ‘पिछले नौ वर्षों में विभिन्न मोर्चों पर महत्वपूर्ण प्रगति देखी है और इसकी अर्थव्यवस्था में नया जोश आया है.’
उन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास पहल ने वर्षों की उपेक्षा के बाद वास्तव में नगालैंड में ऐतिहासिक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाए हैं.’