तेलंगाना: चुनाव आयोग ने डीजीपी को निलंबित किया, दो अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारियों को नोटिस

तेलंगाना के डीजीपी अंजनी कुमार विधानसभा चुनाव की मतगणना के बीच कांग्रेस प्रदेशाध्य्क्ष और प्रत्याशी रेवंत रेड्डी से मिलने उनके घर पहुंचे थे. उनके साथ दो अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुमार जैन और महेश मुरलीधर भागवत भी थे, जिन्हें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस मिला है.

तेलंगाना के पूर्व डीजीपी अंजनी कुमार और रेवंत रेड्डी. (फोटो साभार: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

तेलंगाना के डीजीपी अंजनी कुमार विधानसभा चुनाव की मतगणना के बीच कांग्रेस प्रदेशाध्य्क्ष और प्रत्याशी रेवंत रेड्डी से मिलने उनके घर पहुंचे थे. उनके साथ दो अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुमार जैन और महेश मुरलीधर भागवत भी थे, जिन्हें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस मिला है.

तेलंगाना के पूर्व डीजीपी अंजनी कुमार और रेवंत रेड्डी. (फोटो साभार: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

हैदराबाद: चुनाव आयोग (ईसी) ने तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस बल (एचओपीएफ) के प्रमुख अंजनी कुमार को निलंबित करने का आदेश दिया है और दो अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों, संजय कुमार जैन और महेश मुरलीधर भागवत पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

चुनाव आयोग ने राज्य सरकार, जिसका प्रतिनिधित्व मुख्य सचिव कर रहे हैं, से अंजनी कुमार के बाद अगले वरिष्ठतम अधिकारी को तुरंत डीजीपी पद का प्रभार देने के लिए कहा है.

राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी संजय जैन और नोडल अधिकारी महेश भागवत के साथ डीजीपी ने मतगणना के बीच हैदराबाद में कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष एवं उम्मीदवार रेवंत रेड्डी से उनके आवास पर उन्हें फूलों का एक गुलदस्ता भेंटकर उनसे मुलाकात की थी.

चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया क्योंकि माना जा रहा है कि पुलिस अधिकारियों की ओर से तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का पक्ष लेने का गलत इरादा था.

मुख्य सचिव ए. शांति कुमारी द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, 1990 बैच के अधिकारी रवि गुप्ता को डीजीपी और एचओपीएफ का पूर्ण अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. गुप्ता वर्तमान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक हैं.

कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों के रेवंत रेड्डी के घर जाने ने जनता को संकेत दिया कि यह सब सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विरुद्ध है, क्योंकि पुलिस को आम तौर पर मतदान के रुझानों पर खुफिया जानकारी होती है.

उन्होंने रेड्डी को गुलदस्ते भेंट कर बधाई दी थी.

इस भेंट के कुछ घंटों बाद डीजीपी कार्यालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अधिकारियों को रेड्डी ने सोमवार (4 दिसंबर) को लाल बहादुर स्टेडियम में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था. कांग्रेस नेता विस्तृत व्यवस्था चाहते थे क्योंकि इस कार्यक्रम में दिल्ली के कई बड़े नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि डीजीपी ने रेड्डी को नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों को दो प्लस दो पुलिस सुरक्षा अधिकारी और खतरे की आशंका के आधार पर वरिष्ठ नेताओं को उच्च स्तर की सुरक्षा देने का आश्वासन दिया.

उल्लेखनीय यह है कि कुमार को 2020 में हैदराबाद के पुलिस आयुक्त के रूप में सर्वोत्तम चुनाव आचरण के लिए चुनाव आयोग का पुरस्कार मिला था. उन्हें यह पुरस्कार तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला था.

वह आंध्र प्रदेश के अपने कैडर आवंटन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में केस लड़ रहे हैं. उनका तर्क तेलंगाना के तत्कालीन मुख्य सचिव सोमेश कुमार के बने रहने पर आधारित था, हालांकि बाद में उन्हें भी आंध्र प्रदेश कैडर दे दिया गया था.

जैन और भागवत मौजूदा चुनाव में कानून-व्यवस्था के नोडल अधिकारी हैं. जैन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) हैं, जबकि भागवत अपराध जांच विभाग के महानिदेशक हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)