राजस्थान विधानसभा चुनाव: अशोक गहलोत कैबिनेट के 25 मंत्रियों में से केवल नौ जीते

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा 199 में से 115 सीटें जीतकर सत्ता में आई है. कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं. अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 25 मंत्रियों में से सत्रह चुनाव में हार गए.

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो साभार: फेसबुक/AshokGehlot.Rajasthan)

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा 199 में से 115 सीटें जीतकर सत्ता में आई है. कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं. अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 25 मंत्रियों में से सत्रह चुनाव में हार गए.

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो साभार: फेसबुक/AshokGehlot.Rajasthan)

नई दिल्ली: राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 25 मंत्रियों में से केवल नौ मंत्री ही जीत हासिल कर पाए, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सात में से केवल तीन सांसद चुनाव हार गए.

भाजपा राजस्थान में 199 में से 115 सीटें जीतकर सत्ता में लौट आई, जहां 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव हुए थे. कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जो 1998 से जोधपुर की सरदारपुरा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं, ने छठी बार अपना गढ़ बरकरार रखा और भाजपा के नए चेहरे- जेएनवीयू के प्रोफेसर महेंद्र राठौड़ को 26,000 से अधिक वोटों से हराया. हालांकि, 2018 की तुलना में गहलोत की जीत का अंतर आधा हो गया. उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव 45,597 वोटों के अंतर से जीता था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को पार्टी की हार के बावजूद जीत हासिल करने वाले गहलोत मंत्रिमंडल के नौ मंत्रियों में शामिल हैं- अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, कोटा उत्तर से शांति धारीवाल, दौसा से मुरारी लाल मीणा, बांसवाड़ा से अर्जुन सिंह बामनिया, बागीदौरा से महेंद्र जीत सिंह मालवीय, झुंझुनू से बृजेंद्र ओला, हिंडोली से अशोक चांदना और भरतपुर से राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता सुभाष गर्ग.

राज्य के सामाजिक न्याय और जेल मंत्री और दो बार के विधायक टीकाराम जूली ने भाजपा के जयराम जाटव को 27,000 से अधिक वोटों से हराया और संसदीय मामलों के मंत्री और तीन बार के विधायक धारीवाल ने भाजपा के प्रह्लाद गुंजल को केवल 2,486 वोटों के मामूली अंतर से हराया, जिससे 2018 का आंकड़ा कम हो गया.

राज्य के जनजातीय मामलों के मंत्री बामनिया भी भाजपा के धन सिंह रावत के साथ कड़ी टक्कर के बाद जीत हासिल करने में सफल रहे, जबकि तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग महज 5,000 वोटों के अंतर से जीते. यह पहली बार है कि इन चार मंत्रियों ने लगातार दो चुनावों में अपनी सीटें बरकरार रखीं.

राज्य के पर्यटन और कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा ने भाजपा के शंकर लाल शर्मा के खिलाफ 30,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की.

राज्य के परिवहन मंत्री और तीन बार के विधायक ब्रजेंद्र ओला ने भाजपा के निशीत कुमार को लगभग 30,000 वोटों से हराकर चौथी बार झुंझुनू में अपना गढ़ बरकरार रखा.

राज्य के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना और जल संसाधन मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय ने भी अपनी-अपनी सीटों पर जीत बरकरार रखी है.

हारने वाले 17 मंत्रियों में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सालेह मोहम्मद पोखरण से, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश सिकराय से, राज्य की शिक्षा मंत्री जाहिदा खान कामां से, उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव कोटपूतली से, ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा सपोटरा से, राज्य के शिक्षा मंत्री बुलाकी दास कल्ला बीकानेर पश्चिम से, नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरिया सिविल लाइंस से, वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री शकुंतला रावत बाणसूर से और नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेंद्र सिंह डीग- कुम्हेर से शामिल हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, हारने वाले 17 मंत्रियों में पार्टी की अभियान समिति का नेतृत्व करने वाले गोविंद राम मेघवाल भी शामिल हैं. खाजूवाला में गोविंद मेघवाल को भाजपा के विश्वनाथ मेघवाल ने 17,374 वोटों से हराया.

कांग्रेस मंत्रियों में रमेश चंद मीणा (सपोटरा) 43,834 वोटों से हारे, सालेह मोहम्मद (पोखरण) 35,427 वोटों से, भंवर सिंह भाटी (कोलायत) 32,933 से, शकुंतला रावत (बानसूर) 7,420 वोटों, विश्वेंद्र सिंह (डीग कुम्हेर) 7,895 वोटों से और उदयलाल अंजना (निंबाहेड़ा) 3,845 वोटों से हारे.

प्रताप सिंह खाचरियावास (सिविल लाइंस) 28,329 वोटों के अंतर से और बीडी कल्ला (बीकानेर पश्चिम) 20,194 वोटों के अंतर से हारे. जाहिदा खान (कामां) अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 13,906 वोटों से हार गईं और तीसरे स्थान पर रहीं.