विधानसभा चुनाव में उतरे 21 भाजपा सांसदों में से 11 को सफलता मिली

भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से मध्य प्रदेश में पांच, राजस्थान में चार और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद विजयी हुए. हालांकि तेलंगाना में तीनों हार गए.

(फोटो: इस्मत आरा/द वायर)

भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से मध्य प्रदेश में पांच, राजस्थान में चार और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद विजयी हुए. हालांकि तेलंगाना में तीनों हार गए.

(फोटो: इस्मत आरा/द वायर)

नई दिल्ली: भाजपा ने रविवार को तीन राज्यों में बड़ी जीत हासिल की, लेकिन कुछ केंद्रीय मंत्रियों सहित 21 मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारने के उसके फैसले को पूरी सफलता नहीं मिली.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, राज्यों के चुनाव में उतरे ग्यारह सांसद विजयी हुए, जबकि 10 को हार का सामना करना पड़ा.

पार्टी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को मैदान में उतारा था, जिनमें से मध्य प्रदेश में पांच, राजस्थान में चार और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद विजयी हुए. हालांकि तेलंगाना में तीनों हार गए.

मध्य प्रदेश

दमोह सीट से लोकसभा सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल केंद्र सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री हैं, जिन्हें नरसिंहपुर सीट से उतारा गया था. इस सीट पर उन्होंने कांग्रेस के लखन सिंह पटेल को क़रीब 31,000 वोटों के अंतर से हराया है.

मुरैना की दिमनी सीट से उतरे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बसपा के बलवीर सिंह डंडोतिया को करीब 24 हज़ार वोटों से हराया है.

जबलपुर पश्चिम सीट से भाजपा ने सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को उम्मीदवार बनाया था. उन्होंने 30,134 मतों से जीत दर्ज की.

नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा सीट से सांसद राव उदय प्रताप सिंह भी उम्मीदवार थे. उन्होंने जिले में सर्वाधिक मतों (56,529) से जीत हासिल की.

सांसद रीति पाठक सीधी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार थीं, जो सीट बचाने में सफल रहीं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान सिंह को करीब 35 हज़ार मतों से हराया है.

हालांकि, निवास सीट से उतरे फग्गन सिंह कुलस्ते को हार का सामना करना पड़ा, जहां कांग्रेस के चैनसिंह वरकड़े ने उन्हें क़रीब 9,700 वोटों से हरा दिया.

इसी तरह सतना से उतरे सांसद गणेश सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी ने चार हज़ार मतों से हरा दिया.

राजस्थान

जयपुर की विद्याधर नगर सीट  से भाजपा सांसद दीया कुमारी को उतारा गया था, जिन्होंने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71 हज़ार से अधिक वोटों से हराया है.

जयपुर की ही झोटवाड़ा विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मैदान में थे, जिन्हें सफलता मिली.

भाजपा ने राज्यसभा सांसद सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को सवाई माधोपुर सीट से टिकट दिया था, जिन्होंने पार्टी का भरोसा बनाए रखते हुए कांग्रेस के दानिश अबरार को 22 हज़ार वोटों से हराया.

अलवर जिले में आने वाली तिजारा सीट से पार्टी ने बाबा बालकनाथ को उतारा था, जो अलवर लोकसभा सीट से ही सांसद हैं. उन्होंने कांग्रेस के इमरान खान को छह हज़ार मतों से हराया है.

अजमेर लोकसभा सीट से सांसद भागीरथ चौधरी को क्षेत्र की किशनगढ़ सीट से उतारा गया था, हालांकि वे सफल नहीं हुए. कांग्रेस प्रत्याशी विकाश चौधरी ने उन्हें 3 हज़ार मतों से शिकस्त दी है.

सांचोर विधानसभा सीट से उतारे गए सांसद देवजी पटेल की स्थिति काफी ख़राब रही. क्षेत्र में भाजपा तीसरे स्थान पर रही, जहां विजयी हुए निर्दलीय उम्मीदवार जीवा राम चौधरी और पटेल के मतों में लगभग 65 हज़ार मतों का अंतर देखा गया.

झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ को मंडावा विधानसभा सीट से उतारा गया था, लेकिन वे सफल नहीं हुए. उन्हें कांग्रेस की रीता चौधरी ने 18 हज़ार से अधिक मतों से हराया.

छत्तीसगढ़

केंद्रीय राज्य मंत्री और सरगुजा सीट से सांसद रेणुका सिंह भरतपुर-सोनहत सीट से चुनावी मैदान में थीं. वे प्रेम नगर सीट से 2003 और 2008 में विधायक रही हैं. इस बार भी उन्हें सफलता मिली है.

पार्टी ने रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद गोमती साय को पत्थलगांव विधानसभा सीट से टिकट दिया था. उन्होंने कांटे की टक्कर के बाद कांग्रेस प्रत्याशी रामपुकार सिंह को महज़ 255 मतों के अंतर से हराया है.

बिलासपुर लोकसभा सीट से सांसद अरुण साव को लोरमी विधानसभा क्षेत्र से उतारा गया था. उन्होंने कांग्रेस के थानेश्वर साहू को 45 हज़ार से अधिक मतों से हराया है. भाजपा की बड़ी जीत के बाद संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवारों में एक नाम साव का भी है.

दुर्ग के सांसद विजय बघेल को उनके चाचा और प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन सीट से उतारा गया था. हालांकि वे सफल नहीं हुए और भूपेश बघेल ने उन्हें 19 हज़ार मतों से हरा दिया.

तेलंगाना

अपने बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार करीमनगर से चुनावी मैदान में थे, हालांकि बीआरएस प्रत्याशी गंगुला कमलाकर रेड्डी ने उन्हें 3 हज़ार से अधिक वोटों से मात दे दी.

निजामाबाद के सांसद डी. अरविंद को कोरटला विधानसभा सीट से टिकट दिया गया था, जहां उन्हें बीआरएस के के. संजय ने 10 हज़ार से अधिक मतों से हराया.

आदिलाबाद से सांसद सोयम बापुराव को इसी क्षेत्र में आने वाली बोआथ विधानसभा सीट से टिकट मिला था, हालांकि बीआरएस के अनिल जादव ने उन्हें करीब 23 हज़ार मतों से हराया. वे 2018 में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतरे थे. उस समय भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.