2013 के बाद से दलितों व आदिवासियों के ख़िलाफ़ अपराध 46% और 48% बढ़े: कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट केवल आंकड़े मात्र नहीं हैं, एससी-एसटी समाज के जीवन को असुरक्षित बनाने का भाजपाई काला चिट्ठा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 57,582 और 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में क्रमशः 13.1% और 14.3% अधिक है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रबर्ती/द वायर)

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट केवल आंकड़े मात्र नहीं हैं, एससी-एसटी समाज के जीवन को असुरक्षित बनाने का भाजपाई काला चिट्ठा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 57,582 और 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में क्रमशः 13.1% और 14.3% अधिक है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2013 के बाद से दलितों के खिलाफ अपराध 46.11 प्रतिशत और आदिवासियों के खिलाफ 48.15 प्रतिशत बढ़ गए हैं.

खरगे ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में एक ग्राफिक साझा किया और टिप्पणी की कि दलितों और आदिवासियों पर लगातार हो रहे उत्पीड़न भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की की धारणा के पाखंड को उजागर करता है.

खरगे ने कहा, ‘दलितों और आदिवासियों का लगातार उत्पीड़न भाजपा-आरएसएस के ‘सबका साथ’ के पाखंड को उजागर करता है.’

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि एनसीआरबी रिपोर्ट एससी-एसटी समुदाय के जीवन को असुरक्षित बनाने के लिए भाजपा का ‘काला चिट्ठा’ है.

खरगे ने यह भी कहा कि अन्याय, अत्याचार और दमन समाज को विभाजित करने के भाजपा के दशक भर के एजेंडा का हिस्सा हैं.

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो केवल आंकड़े मात्र नहीं हैं, एससी-एसटी समाज के जीवन को असुरक्षित बनाने का भाजपाई काला चिट्ठा है. अन्याय, अत्याचार और दमन, पिछले एक दशक से भाजपा द्वारा समाज को बांटने के षड्यंत्रकारी एजेंडे का हिस्सा है.’

एनसीआरबी के आंकड़ों में कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों और अत्याचारों में समग्र वृद्धि हुई है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 2022 में एससी-एसटी के खिलाफ मामलों में वृद्धि देखी गई. पिछले कुछ वर्षों में लगातार एससी और एसटी समुदायों के खिलाफ अपराध और अत्याचार की सबसे अधिक घटनाओं के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान को शीर्ष पांच राज्यों में स्थान दिया गया है.

इसमें कहा गया है कि ऐसे अपराधों के ऊंचे स्तर वाले अन्य राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पंजाब शामिल हैं.

एनसीआरबी की सालाना क्राइम रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के लिए कुल 57,582 और एसटी समुदाय के खिलाफ अपराध के लिए कुल 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में क्रमशः 13.1% और 14.3% अधिक है..