देश में लोकसभा चुनाव से पहले महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र ने मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्याज़ की अखिल भारतीय दैनिक औसत क़ीमत गुरुवार को 57.11 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जो सालभर पहले की तुलना में 97.95 फीसदी अधिक है.
नई दिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव से पहले महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र ने मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने गुरुवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की. अधिसूचना के अनुसार, प्याज की निर्यात नीति को ‘मुक्त’ से संशोधित कर निषिद्ध कर दिया गया है.
प्रतिबंध शुक्रवार से लागू होने के बाद तीन शर्तों पर प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘इसके अलावा प्याज की खेप को निम्नलिखित तीन शर्तों में से किसी एक को पूरा करने पर निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी:
i. जहां इस अधिसूचना से पहले जहाज पर प्याज की लोडिंग शुरू हो गई हो; ii. जहां शिपिंग बिल दाखिल किया गया है और जहाज प्याज की लोडिंग के लिए पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं और उनका रोटेशन नंबर इस अधिसूचना से पहले आवंटित किया गया है; ऐसे जहाजों में लोडिंग की मंजूरी अधिसूचना से पहले प्याज की लोडिंग के लिए जहाज की एंकरिंग/बर्थिंग के संबंध में संबंधित बंदरगाह अधिकारियों द्वारा पुष्टि के बाद ही जारी की जाएगी; और iii. जहां प्याज की खेप इस अधिसूचना से पहले कस्टम को सौंप दी गई है और उनके सिस्टम में पंजीकृत है /जहां प्याज की खेप इस अधिसूचना से पहले निर्यात के लिए कस्टम स्टेशन में प्रवेश कर चुकी है और कस्टम स्टेशन के संबंधित संरक्षक के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में पंजीकृत है इस अधिसूचना के जारी होने से पहले इन वस्तुओं के कस्टम स्टेशन में प्रवेश करने की तारीख और समय की मुहर का सत्यापन योग्य साक्ष्य. निर्यात की अवधि 5 जनवरी, 2024 तक होगी.’
इसमें आगे कहा गया है, ‘भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी सरकार के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर भी प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.’
प्याज की अखिल भारतीय दैनिक औसत कीमत गुरुवार को 57.11 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जो एक साल पहले की तुलना में 97.95 फीसदी अधिक है.
गुरुवार को केंद्र ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज से इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2023-24 (नवंबर-दिसंबर) में तत्काल प्रभाव से इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस या चीनी सिरप का उपयोग नहीं करने को कहा.
इससे पहले सरकार ने गेहूं और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.