एम्स बठिंडा में पांच सौ से अधिक नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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पंजाब के बठिंडा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 500 से अधिक नर्सिंग स्टाफर दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे, जिससे लगातार दूसरे दिन अस्पताल का कामकाज प्रभावित रहा. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, संस्थान में करीब 580 नर्सिंग ऑफिसर हैं, जो सिर्फ इमरजेंसी वार्ड में ही काम करते हैं, जिन्होंने बुधवार को अपनी कुछ मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है. मांगों में हर महीने आठ छुट्टियां, मेडिकल और अन्य विभागों के अन्य कर्मचारियों के साथ पदोन्नति में समानता समेत अन्य मांगें शामिल हैं. अख़बार के मुताबिक प्रदर्शनकारी नर्सिंग स्टाफ बठिंडा-डबवाली रोड पर संस्थान के मुख्य द्वार पर खुले में बैठे हैं. उन्होंने बताया है कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सात नर्सिंग कर्मियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. उनका आरोप है कि एम्स प्रशासन परिसर में दोहरे मानदंड अपना रहा है. जहां उनकी प्रोबेशन अवधि बढ़ा दी गई और प्रमोशन नहीं दिया गया, पर डॉक्टरों, लैब टेक्निशियनों और अन्य विभागों के कर्मचारियों को विधिवत पदोन्नत किया गया.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्काषित कर दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगाए गए ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोपों को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफ़ारिश पर उन्हें सदन से निष्काषित कर दिया गया. बताया गया था कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी. एथिक्स कमेटी की 104 पन्नों की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद संसद सदस्यों को इसे पढ़ने के लिए केवल दो घंटे का समय देने के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे चर्चा होनी थी. हालांकि, बहस शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर मोइत्रा के निष्कासन की घोषणा कर दी गई. मोइत्रा की पार्टी टीएमसी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने संसद के बाहर रिपोर्ट पर गंभीर विरोध जताया है. फैसले के बाद संसद भवन के बाहर मोइत्रा ने कहा कि अगर मोदी सरकार को लगता है कि उन्हें चुप कराकर अडानी मुद्दे को भुला दिया जाएगा है, तो वो ग़लत है और वे अगले 30 सालों तक संसद के अंदर-बाहर लड़ने के लिए तैयार हैं.

मिजोरम में विधानसभा चुनाव में विजयी हुए क्षेत्रीय दल ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के संस्थापक लालडुहोमा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 27 सीटें जीतकर सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट को विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर दिया. जोरामथांगा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ एमएनएफ 10 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली हैं. मिजोरम के इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था. ज़ेडपीएम शीर्ष पर पहुंचने के साथ न केवल पूर्वोत्तर में सत्ता हासिल करने वाली एक नई क्षेत्रीय पार्टी बन गई है, बल्कि मिजोरम में पारंपरिक तौर पर एमएनएफ और कांग्रेस के बीच सत्ता के लिए होने वाले मुकाबले में एक सक्षम दावेदार बनकर सामने आई है.

इंडियन फ़ार्माकोपिया कमीशन (आईपीसी) ने दर्दनिवारक दवाई ‘मेफ्टाल’ को लेकर चेतावनी जारी की है. आईपीसी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली स्वायत्त संस्था है जो देश में दवाओं से संबंधित मानक निर्धारित करने के लिए ज़िम्मेदार हैं. द हिंदू के अनुसार, आईपीसी ने पिछले महीने के अंत में दर्दनिवारक दवा ‘मेफेनैमिक एसिड’ को लेकर चेतावनी जारी की थी, जो मेफ्टाल ब्रांड नाम से बेची जाती है. आईपीसी ने अपने अलर्ट में कहा कि कि फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया के विश्लेषण में प्राथमिक तौर पर दवाई के साइड इफेक्ट में इसोनोफिलिया एंड सिस्टमेटिक सिंड्रोम (डीआरईएसएस) का पता चला है. इसलिए स्वास्थ्यकर्मी और मरीजों को सलाह दी जाती है कि वो दवाई के प्रतिकूल प्रभाव पर नजर रखें और अगर उन्हें इसके बारे में पता चले, तो हेल्पलाइन नंबर 1800-180-3024 पर संपर्क करें. ‘मेफ्टाल स्पास’ नाम से प्रचलित यह दवा महिलाओं और लड़कियों द्वारा माहवारी के समय दर्द में राहत पाने के उद्देश्य से ली जाती है. एक प्रकार के गठिया के इलाज में भी यह दवाई इस्तेमाल होती है.

दिग्गज अभिनेता जूनियर महमूद का गुरुवार रात निधन हो गया. एनडीटीवी के अनुसार, 67 साल के महमूद लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. उनका मूल नाम नईम सैय्यद था और उनका लोकप्रिय नाम उन्हें दिग्गज कॉमेडियन महमूद ने दिया था. उन्होंने साल 1967 में रिलीज़ हुई ‘नौनिहाल’ फिल्म में बाल कलाकार के तौर पर अभिनय का करिअर शुरू किया था. अपने दीर्घ करिअर में 250 से अधिक फिल्मों में अभिनय करने के अलावा उन्होंने कई मराठी फिल्में भी बनाई थीं.