केंद्र ने 31 मार्च 2024 तक प्याज़ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. एक अधिकारी ने बताया कि नासिक ज़िले की लासलगांव, नंदगांव, पिंपलगांव और उमराने की प्याज़ मंडियों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं, मालेगांव के जयखेड़ा, चांदवाड़, उमाराने, नंदगांव और मुंगसे में भी रास्ता रोको अभियान चलाया गया है.
नई दिल्ली: केंद्र द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद सैकड़ों प्याज किसानों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले में तीन स्थानों पर मुंबई-आगरा राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया.
बता दें कि केंद्र ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर 31 मार्च 2024 तक प्रतिबंध लगा दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि नासिक जिले के लासलगांव, नंदगांव, पिंपलगांव और उमराने की प्याज मंडियों में पिछले चार-पांच दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के चलते शुक्रवार को इन बाजारों में कामकाज रोक दिया गया.
अधिकारी ने बताया कि सैकड़ों किसान मुंबई-आगरा राजमार्ग पर एकत्र हुए और कुछ समय के लिए तीन स्थानों पर ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हुए सड़क को जाम कर दिया.
उन्होंने कहा कि किसानों ने मालेगांव के जयखेड़ा, चांदवाड़, उमाराने, नंदगांव और मुंगसे में भी रास्ता रोको अभियान चलाया.
अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी नासिक पुलिस द्वारा की गई अपील के बाद शांतिपूर्वक अपने-अपने रास्ते चले गए, और किसानों पर कोई भी बल प्रयोग नहीं किया गया.
इससे पहले, अक्टूबर में केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए खुदरा बाजार में सब्सिडी पर 25 रुपये प्रति किलो में प्याज के बफर स्टॉक को बेचने का फैसला किया था.
कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 800 डॉलर अमेरिकी डॉलर प्रति टन लागू किया था.
अगस्त में भारत ने 31 दिसंबर तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था.