कोविड-19 महामारी के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार इसके प्रभाव को समझने में धीमी थी. उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों और उनके परिवारों की भावनाओं को समझते हैं और उनके दर्द, हानि तथा पीड़ा के लिए उन्हें गहरा खेद है.
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नई दिल्ली: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार वैश्विक कोविड-19 महामारी के प्रभाव को समझने में धीमी थी. बीते बुधवार (6 दिसंबर) को उन्होंने ब्रिटेन की कोविड-19 जांच समिति के समक्ष मृतकों और उनके शोक संतप्त परिवारों से माफी मांगी.
जॉनसन ने कहा, ‘मैं पीड़ितों और उनके परिवारों की भावनाओं को समझता हूं और उनके दर्द, हानि तथा पीड़ा के लिए मुझे गहरा खेद है.’
महामारी के दौरान ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव रहे मैट हैनकॉक ने पिछले हफ्ते पूछताछ में बताया था कि उन्होंने सरकार को यह कहते हुए चेतावनी देने की कोशिश की थी कि 23 मार्च 2020 से कुछ सप्ताह पहले देश में लॉकडाउन लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
सभी निर्णयों के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेते हुए 2019 से 2022 तक प्रधानमंत्री रहे जॉनसन ने कहा, ‘अनिवार्य रूप से हमसे कुछ चीजें गलत हुईं.’ उन्होंने कहा, ‘उस समय मुझे लगा था कि हम बहुत कठिन परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे थे. हमने चुनौती के पैमाने और गति को कम करके आंका था.’
लंदन में जॉनसन की माफी के दौरान बैठने से इनकार करने के बाद एक प्रदर्शनकारी को पूछताछ कक्ष से हटा दिया गया, जिसकी वजह से उनके इस बयान के दौरान थोड़ी देर के लिए व्यवधान उत्पन्न हो गया था. कई अन्य लोगों को भी बाद में हटा दिया गया, क्योंकि वे ‘मृत लोग आपकी माफी को नहीं सुन सकते’, चिल्ला रहे थे.
मार्च 2020 और जुलाई 2021 के बीच ब्रिटेन में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद 2,30,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जो पश्चिमी देशों में प्रति व्यक्ति मौत के सबसे खराब आंकड़ों में से एक है.
जांच समिति के वकील ह्यूगो कीथ का सामना करते हुए कि ब्रिटेन ने अपने यूरोपीय पड़ोसियों की तुलना में महामारी में बदतर प्रदर्शन किया, जॉनसन ने तर्क दिया कि ‘हर देश एक नई महामारी से जूझ रहा था’. उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्रिटेन में ‘अत्यधिक बुजुर्ग आबादी’ है और यह महाद्वीप के सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है.
जॉनसन से पूछताछ की शुरुआत जनवरी 2020 के अंत से जून 2020 तक उनके फोन पर लगभग 5,000 वॉट्सऐप संदेश उपलब्ध कराने में विफलता के बारे में सवालों से हुई.
उन्होंने दावा किया, ‘मुझे सटीक कारण नहीं पता है’. उन्होंने यह भी दावा किया कि ऐप ने ‘किसी तरह’ उस अवधि की चैट हिस्ट्री को स्वचालित रूप से मिटा दिया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मोबाइल डिवाइस को तथाकथित फैक्टरी रीसेट किया था, जॉनसन ने कहा, ‘मुझे ऐसी कोई बात याद नहीं है.’
शोक संतप्त परिवारों के दबाव के बाद 2021 के अंत में जॉनसन कोविड-19 जांच कराने के लिए सहमत हुए थे. उन पर उनके पूर्व सहयोगियों द्वारा महामारी के दौरान अनिर्णय और वैज्ञानिक समझ की कमी का आरोप लगाया गया था.
उनके पूर्व मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी पैट्रिक वालेंस ने कहा था कि जॉनसन अक्सर वैज्ञानिक डेटा से ‘भ्रमित’ रहते थे.
जॉनसन के पूर्व सलाहकार डोमिनिक कमिंग्स, जो अब उनके कट्टर विरोधी हैं, ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से पूछा था कि क्या उनकी नाक पर हेयर ड्रायर चला देने से वायरस मर सकता है.
इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने उन दावों का भी खंडन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह एक और लॉकडाउन लगाने के बजाय ‘शवों का ढेर लगने देना’ पसंद करेंगे. उन्होंने ऐसी टिप्पणियों से इनकार किया है, जो उन्होंने कभी कही थीं.
ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जो महामारी के दौरान जॉनसन के चांसलर (वित्त मंत्री) थे, से आने वाले हफ्तों में पूछताछ की जाएगी.
यह रिपोर्ट मूल रूप से समाचार वेबसाइट डीडब्ल्यू पर प्रकाशित हुई है.