केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने लोकसभा में बताया है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर पिछले तीन वर्षों में 17 लोग घायल हुए हैं. वहीं, भारत-बांग्लादेश सीमा पर पिछले तीन वर्षों में घुसपैठ की 2,654 घटनाएं दर्ज की गईं और 13 लोग मारे गए.
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि पिछले तीन वर्षों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 39 लोग मारे गए और घुसपैठ की 124 घटनाएं हुई हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने बताया कि भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले सतर्क बलों ने घुसपैठियों द्वारा सीमा के अतिसंवेदनशील हिस्सों का फायदा उठाने के प्रयासों को प्रभावी ढंग से रोका है क्योंकि भारत की भूमि सीमाएं रेगिस्तान, पहाड़, जंगल और नदी क्षेत्र में बंटी हुई हैं.
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा और भारत-भूटान सीमा पर घुसपैठ, हत्या या घायल होने की कोई घटना सामने नहीं आई है.
प्रमाणिक ने आगे बताया, ‘भारत-पाकिस्तान सीमा पर पिछले तीन वर्षों में 17 लोग घायल हुए हैं. भारत-बांग्लादेश सीमा पर पिछले तीन वर्षों में घुसपैठ की 2,654 घटनाएं दर्ज की गईं और 13 लोग मारे गए. भारत-नेपाल सीमा से घुसपैठ की 34 घटनाएं दर्ज हुईं और भारत-म्यांमार सीमा पर 17 लोग घायल हुए.’
प्रमाणिक ने कहा कि केंद्र ने सीमा पार से घुसपैठ को रोकने और हमारे क्षेत्रों को सुरक्षित करने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई है.
उन्होंने कहा कि रणनीति में अन्य बातों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती; गश्त, नाके लगाना, सीमाओं पर निगरानी चौकियों पर तैनातियां, सीमा चौकियों (बीओपी) की संवेदनशीलता का मानचित्रण, निगरानी उपकरणों की तैनाती, खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना, सीमा पर बाड़ लगाना तथा फ्लडलाइट लगाना और न पहुंचने लायक इलाके जैसे नदी के अंतराल आदि में तकनीकी समाधानों की तैनाती द्वारा सीमाओं पर प्रभावी नियंत्रण शामिल है.