महाराष्ट्र: उद्धव खेमे के शिवसेना नेता ने जज लोया की मौत की एसआईटी जांच की मांग की

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे कहा कि अगर सरकार दिशा सालियान की मौत की एसआईटी जांच शुरू कर रही है तो जज लोया के मामले में भी ऐसा ही होना चाहिए. गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज लोया की मौत दिसंबर 2014 में हुई थी.

सीबीआई जज बृजगोपाल लोया. (फोटो साभार: द कारवां)

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे कहा कि अगर सरकार दिशा सालियान की मौत की एसआईटी जांच शुरू कर रही है तो जज लोया के मामले में भी ऐसा ही होना चाहिए. गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज लोया की मौत दिसंबर 2014 में हुई थी.

सीबीआई जज बृजगोपाल लोया. (फोटो साभार: द कारवां)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने 12 दिसंबर को विशेष सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जज बीएच लोया की मौत की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने की मांग की.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, दानवे ने कहा कि अगर सरकार दिशा सालियान की मौत के मामले की एसआईटी जांच शुरू कर रही है तो न्यायाधीश लोया की मौत के मामले में भी ऐसा ही होना चाहिए.

गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में मृत्यु हो गई थी.

पिछले साल के शीतकालीन सत्र में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि 9 जून, 2020 को सालियान की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा. मुंबई पुलिस के अनुसार, उसने आत्महत्या की थी.

कुछ नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की गई है और इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे को घसीटना चाहा.

भाजपा एमएलसी प्रवीण दरेकर ने हाल ही में कहा था कि कई नेता लंबे समय से मांग कर रहे थे कि मामले में एसआईटी का गठन किया जाए. एक अन्य भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड का कहना था कि एक एसआईटी (सालियन के मामले के बारे में) सभी संदेह दूर कर देगी.

दिशा सालियान के मामले में एसआईटी जांच पर एक सवाल के जवाब में शिवसेना (यूबीटी) नेता दानवे ने 12 दिसंबर को कहा कि यह घोषणा पिछले साल भी की गई थी और अब तक कई जांच की जा चुकी हैं.

दानवे ने नागपुर में विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं मांग करता हूं कि जज लोया की मौत की भी एसआईटी जांच शुरू की जाए. अगर आप दिशा सालियान की मौत की जांच करना चाहते हैं तो कर सकते हैं और ये सब राजनीति की जा रही है. सरकार को जज लोया की मौत की भी जांच करनी चाहिए.’

सरकार द्वारा बृहन्मुंबई नगर निगम का ऑडिट शुरू करने के सवाल पर दानवे ने कहा कि सरकार को नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे और ठाणे के नगर निगमों का भी ऑडिट करना चाहिए.

ज्ञात हो कि सीबीआई जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी, जिसकी वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था. वे नागपुर अपनी सहयोगी जज स्वप्ना जोशी की बेटी की शादी में गए हुए थे. उस समय वे गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे.

बृजगोपाल लोया के परिजनों से हुई बातचीत का हवाला देते हुए नवंबर 2017 में द कारवां पत्रिका में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में लोया की मौत की संदेहास्पद परिस्थितियों पर सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद यह मामला फिर से चर्चा में आया था.

उनकी बहन अनुराधा बियानी ने यह भी कहा कि लोया को बॉम्बे हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस मोहित शाह द्वारा मामले में मनमाफिक फैसला देने के एवज में बतौर रिश्वत 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश भी की गयी थी.

इस पत्रिका की रिपोर्ट के बाद पूर्व न्यायाधीशों द्वारा इस मामले की जांच की मांग की गई थी. इस बारे में कई याचिकाओं के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था, जिसने अप्रैल 2018 में विशेष जज लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के कारणों की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि न्यायाधीश की स्वाभाविक मृत्यु हुई थी और इन याचिकाओं में न्याय प्रक्रिया को बाधित करने तथा बदनाम करने के गंभीर प्रयास किए गए हैं.

इसके बाद मई 2018 में बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था.