सरकार ने संसद में कहा- पुरानी पेंशन योजना पर वापस जाने का कोई विचार नहीं

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली के लिए किसी भी प्रस्ताव पर सरकार विचार नहीं कर रही है. बीते काफ़ी समय से विभिन्न कर्मचारी संघ पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली के लिए किसी भी प्रस्ताव पर सरकार विचार नहीं कर रही है. बीते काफ़ी समय से विभिन्न कर्मचारी संघ पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में वापस जाने की कोई योजना नहीं है. अब तक पांच राज्यों ने ओपीएस को चुना है. यह बात केंद्र ने लोकसभा में कही है.इसने रेखांकित किया कि कानून के तहत पहले के कार्यक्रम में वापस आने के लिए राज्यों द्वारा ग्राहकों के पिछले संचित योगदान का उपयोग नहीं किया जा सकता है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, यह पहली बार है जब केंद्र ने आधिकारिक तौर पर पुरानी पेंशन योजना में वापस जाने से इनकार कर दिया है, और यह भी स्पष्ट किया है कि क्या ग्राहकों के पिछले योगदान का उपयोग ओपीएस (जहां सेवानिवृत्ति लाभों की लागत पूरी तरह से राज्य द्वारा वहन की जाती है) को वापस लागू करने के लिए किया जा सकता है.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को एक लिखित जवाब में कहा, ‘पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम इस तरह के हस्तांतरण की अनुमति नहीं देता है.’

सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन एक एक राजनीतिक ध्रुवीकरण का मुद्दा है. कई विपक्ष शासित राज्य ओपीएस को अपना रहे हैं, जो पेंशनरों को उनके द्वारा लिए गए आखिरी वेतन के 50 फीसदी मासिक लाभ की पेशकश करती है. नई राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) एक बाजार से जुड़ी पेंशन योजना है.

पिछले दो वर्षों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने चुनावी वादों के बाद केंद्र सरकार और पेंशन फंड नियामक तथा विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को सूचित करते हुए राज्यों के पेरोल वाले कर्मचारियों के लिए ओपीएस में वापस जाने का फैसला किया.

मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में कहा, ‘केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस बहाली के लिए ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर सरकार विचार नहीं कर रही है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सरकारी कर्मचारियों के संबंध में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत पेंशन के मुद्दे पर गौर करने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो यह देखेगी कि क्या सरकारी कर्मचारियों पर लागू होने वाली राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के मौजूदा ढांचे और संरचना में किसी बदलाव की जरूरत है.’

वह सांसद नाबा कुमार सरणिया (निर्दलीय), दीपक बैज (कांग्रेस) और कृपाल बालाजी तुमाने (शिवसेना) द्वारा पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने यह जानने का प्रयास किया था कि क्या सरकार की पुरानी पेंशन प्रणाली में वापसी की योजना है.

नई राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत लगभग 8.7 मिलियन संघीय और राज्य सरकार के कर्मचारी अपने बुनियादी वेतन का 10 फीसदी योगदान करते हैं, जबकि सरकार पेंशन फंड को 14 फीसदी भुगतान करती है. अंतिम भुगतान उस फंड पर प्राप्त हुए रिटर्न पर निर्भर करता है, जो कि ज्यादातर सरकारी ऋण उपकरणों में निवेश किया जाता है.

बता दें कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वर्तमान पेंशन प्रणाली की समीक्षा करने के लिए इस साल अप्रैल में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के नेतृत्व में एक समिति की स्थापना की थी.

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