हरियाणा खाप ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की आरोपी नीलम आज़ाद की रिहाई की मांग की

बीते 13 दिसंबर को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा संसद परिसर में प्रदर्शन करने वाले तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में से कम से कम तीन बेरोज़गार हैं. इनमें से दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की आरोपी नीलम आजाद. (फोटो साभार: एक्स वीडियोग्रैब)

बीते 13 दिसंबर को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा संसद परिसर में प्रदर्शन करने वाले तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में से कम से कम तीन बेरोज़गार हैं. इनमें से दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

लोकसभा में 13 दिसंबर 2023 को अराजकता फैलाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: तीन खाप के किसानों और नेताओं ने हरियाणा के जींद जिले के उछाना कलां में हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा (एचएसकेएम) के बैनर तले नीलम आजाद के समर्थन में एक खाप पंचायत आयोजन किया. नीलम को बुधवार (13 दिसंबर) को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के चलते गिरफ्तार किया गया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पंचायत की अध्यक्षता जींद की माजरा खाप के प्रवक्ता समुंदर फौर ने की. पंचायत ने अपने तीन प्रस्तावों में नीलम को पुलिस हिरासत से तत्काल रिहा करने की मांग, उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत लगाए आरोप वापस लेने और मीडिया से इस मामले में निष्पक्षता बरतने का आग्रह किया.

एचएसकेएम नेता आजाद पालवा ने कहा कि बेजुबानों के लिए अपनी आवाज उठाकर नीलम ने कुछ भी गलत नहीं किया है. यह कहते हुए कि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उन्होंने कहा कि उन्हें एक बड़े अपराधी के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी किया वह हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज उठाने के लिए किया.

पंचायत और खाप सदस्यों ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से प्रेरित नीलम को कानूनी सहायता समेत पूरा समर्थन देने का फैसला किया है.

पालवा ने कहा, ‘हम नीलम की शीघ्र रिहाई की मांग करते हैं, अन्यथा मामले पर विचार करने के लिए हरियाणा की सभी खापों और किसान संगठनों की जींद जिले में बैठक बुलाई जाएगी और बड़े फैसले लिए जाएंगे. उनके परिवार के सदस्यों को चिंतित न होने के लिए कहा जा रहा है और भविष्य में कुछ भी गलत होने की स्थिति में वे किसानों से संपर्क कर सकते हैं. हम सब एकजुट हैं और अन्य खापों तथा संगठनों से संपर्क कर रहे हैं.’

माजरा खाप के प्रवक्ता फौर ने कहा, ‘नीलम किसी भी पार्टी से नहीं जुड़ी हुई हैं, बल्कि सिर्फ राष्ट्र के लिए अपनी चिंताएं उठाई हैं.’

उन्होंने कहा, ‘ये प्रदर्शनकारी नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए संसद पहुंचे थे. उनके पास कोई खतरनाक हथियार नहीं थे. फिर भी केंद्र ने तानाशाहीपूर्ण कदम उठाते हुए उन पर यूएपीए लगा दिया. कार्रवाई उस सांसद पर होनी चाहिए जिसने उन्हें परिसर में घुसने का पास प्रदान किया. युवा केवल बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को उठाना चाहते थे. खापें हालात की समीक्षा करेंगी और उसके मुताबिक कार्रवाई करेंगी.’

द हिंदू के मुताबिक, पारित प्रस्ताव में पंचायत ने मीडिया से भी अपील की कि वह बेरोजगारी के मुद्दे के साथ-साथ किसानों और छोटे व्यापारियों की मांगों पर सरकार से सवाल पूछे.

पालवा ने कहा, ‘मीडिया को हर साल दो करोड़ नौकरियों के वादे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए. बेरोजगारी की स्थिति ऐसी है कि पेशेवर डिग्री वाले छात्र सरकारी विभागों में चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए आवेदन कर रहे हैं.’

फौर ने भी भाजपा सांसद और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका की जांच की मांग की है.

उन्होंने कहा, ‘भारत माता की जय के नारे लगाने वाले आतंकवादी नहीं हो सकते. अधिक से अधिक उन्हें प्रदर्शनकारी कहा जा सकता है, लेकिन अगर उन पर आतंकी कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं तो सांसद और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. यह किसानों और विपक्ष को बदनाम करने की साजिश हो सकती है.’

बेरोजगारी ने बनाया अपराधी

इस बीच, नीलम के खिलाफ एफआईआर होने के बाद से ही उनकी मां गमगीन हैं. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘मेरी बेटी आतंकवादी नहीं है, बल्कि बेरोजगारी के चलते अवसाद में है. जब नीलम को 2015 में रीढ़ की हड्डी में चोट आई और उसके पास कोई नौकरी नहीं थी तो उसने शादी न करने का फैसला किया. वह सिर्फ नौकरी चाहती है. मुझे उसकी तबीयत को लेकर चिंता है, क्योंकि वह अपनी चोट के कारण लंबे समय तक बैठ नहीं सकती है.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से कम से कम तीन बेरोजगार हैं, दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

मैसूर के निवासी मनोरंजन डी. (33 वर्ष) इंजीनियरिंग में स्नातक हैं, जो बेंगलुरु एक आईटी कंपनी में काम करते थे, फिलहाल उनके पास रोजगार नहीं था. इसलिए अब खेती में अपने पिता की मदद कर रहे थे. लातूर के अमोल शिंदे (25 वर्ष) सेना भर्ती में असफल रहे थे और जींद की नीलम प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक की नौकरी पाने में असफल रहीं. चौथे, लखनऊ के सागर शर्मा (25) ई-रिक्शा चलाते हैं.

नीलम की मां कहती हैं, ‘हम समृद्ध परिवार से नहीं हैं, लेकिन फिर भी हमने उसे पढ़ाया. घर पर वह कहा करती थी, मैंने बेवजह ही बहुत पढ़ाई की लेकिन नौकरी नहीं मिली. इच्छे अच्छा होता कि मैं मर जाती.’

उनके भाई राम निवास के अनुसार, नीलम के पास एमए, एमएड और एमफिल की डिग्री है और उन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) भी पास की है. वह पिछले छह महीने से दिल्ली में एक पेइंग गेस्ट आवास में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं.

नीलम कुम्हार समुदाय से आती हैं और उनके पिता हलवाई हैं. उनके भाई गांव में दूध बेचते हैं.

मनोरंजन के पिता देवराज डी. ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘अगर उसने कुछ गलत किया है तो वह मेरा बेटा नहीं है. लेकिन मैं आपको बता दूं, वह बहुत अच्छा है. मुझे नहीं पता था कि वह दिल्ली में है. वह अपने कॉलेज के दिनों में एक छात्र नेता था, लेकिन वह किससे संबद्ध था, इसके बारे में पता नहीं है. वह समाज में सुधार लाना चाहता है. मैं उसके कृत्य की निंदा करता हूं.’

अमोल शिंदे की मां ने संवाददातों को बताया कि सेना भर्ती में असफल होने के कारण अमोल अवसादग्रस्त था.

उन्होंने कहा, ‘हम नहीं जानते कि किस कारण से उसने ऐसा किया, लेकिन वह निराश महसूस कर रहा था. अपने प्रयासों के बावजूद वह सफल नहीं हो पा रहा था. वह कहा करता था कि मेरी पढ़ाई और तैयारी का क्या फायदा जब मैं नौकरी नहीं पा रहा हूं.’

चूंकि, वह अब अधिक उम्र के कारण अग्निवीर योजना के तहत आवेदन करने के अयोग्य हो गया था, इसलिए वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा था. पिता धनराज कहते हैं, ‘उसने अतीत में कई बार – रत्नागिरी, औरंगाबाद, नासिक में – भर्ती में भाग लिया था.’

वहीं, सागर की 15 वर्षीय बहन ने बताया कि वह पहले बेंगलुरु में काम करते थे, लेकिन पिछले दो महीनों से वह किराये का ई-रिक्शा चला रहे थे.

सागर के परिवार में उनकी बहन और माता-पिता हैं, जो मूलत: उज्जैन के रहने वाले हैं और पिछले 15 वर्षों से लखनऊ में किराये के मकान में रह रहे हैं. सागर के दोस्त विवेक जयसवाल ने उसे स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का समर्थक बताया और कहा कि उसे अभिनय में रुचि थी.

मालूम हो कि बीते 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में तब गंभीर चूक देखी गई, जब दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर (Gas Canisters) खोल दिए थे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई. मनोरंजन डी. और सागर शर्मा नामक व्यक्तियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के मैसुरु सांसद प्रताप सिम्हा से अपना विजिटर्स पास प्राप्त किया था.

इन दोनों आरोपियों के अलावा संसद परिसर में रंगीन धुएं का कनस्टर खोलने और नारेबाजी करने नीलम आजाद और अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया गया है.

इस मामले में विशाल शर्मा उर्फ विक्की नामक 5वां आरोपी बाद में गुड़गांव स्थित आवास आवास से पकड़ा गया, वहीं ललित झा नामक एक अन्य आरोपी अभी फरार है. आरोप है कि ललित ही कथित तौर पर चारों आरोपियों को गुड़गांव में अपने दोस्त विक्की के घर ले गया था.