एमपी: नई सरकार की पहली बुलडोज़र कार्रवाई, भाजपा कार्यकर्ता पर हमले के आरोपियों के घर ढहाए गए

मोहन यादव के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने पार्टी के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोपी तीन लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया है. यह कार्रवाई उस घोषणा के एक दिन बाद की गई है, जब मुख्यमंत्री ने धार्मिक समारोहों और सार्वजनिक स्थानों पर निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि में लाउडस्पीकर/डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव. (फोटो साभार: फेसबुक)

मोहन यादव के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने पार्टी के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोपी तीन लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया है. यह कार्रवाई उस घोषणा के एक दिन बाद की गई है, जब मुख्यमंत्री ने धार्मिक समारोहों और सार्वजनिक स्थानों पर निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि में लाउडस्पीकर/डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: pixabay)

नई दिल्ली: मोहन यादव के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के एक दिन बाद भाजपा सरकार ने एक पार्टी कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोपी तीन लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया. नई सरकार के तहत यह इस तरह की पहली बुलडोजर कार्रवाई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्रवाई उस घोषणा के एक दिन बाद की गई है, जब मुख्यमंत्री ने धार्मिक समारोहों और सार्वजनिक स्थानों पर निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि में लाउडस्पीकर/डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था और ‘मांस, मछली, आदि की अवैध खरीद और बिक्री की जांच करने के लिए गहन अभियान की घोषणा की थी.

बीते गुरुवार (14 दिसंबर) को करीब 10 मीट की दुकानें तोड़ दी गईं.

पुलिस के अनुसार, 5 दिसंबर को भाजपा झुग्गी झोपड़ी सेल के मंडल महासचिव देवेंद्र सिंह ठाकुर पर चुनाव परिणामों पर बहस के बाद फारुख नामक व्यक्ति ने कथित तौर पर तलवार से हमला किया था. पुलिस ने बताया कि खुद को बचाने के दौरान ठाकुर के हाथ पर गहरी चोटें आ गई थीं.

घटना के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अस्पताल में ठाकुर से मुलाकात करने के साथ आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था.

इस संबंध में फारुख के अलावा पुलिस ने चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान असलम, शाहरुख, बिलाल और समीर के रूप में हुई है.

गुरुवार को बुलडोजर से इनमें से तीन लोगों के घरों को ढहा दिया गया. अधिकारियों ने दावा किया कि उनके पास उनके पास भवन योजना के तहत अपेक्षित अनुमति नहीं थी.

हबीबगंज पुलिस स्टेशन के प्रभारी मनीष राज सिंह भदोरिया ने कहा, ‘उल्लंघन पाए जाने के बाद हमने मामले में आरोपी तीन लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया. चुनाव परिणामों पर एक-दूसरे पर ताने कसने के बाद लोग हिंसक टकराव में पड़ गए थे. फारुख का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत आरोप लगाए गए हैं.’

इसी बीच, मांस की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताते हुए उज्जैन नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त राधे श्याम मंडलोई ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘आदेश के अनुसार, बिना अनुमति के मांस और मछली नहीं बेची जा सकती है. नगझर क्षेत्र में खुले में मांस बेचने वाली 10 दुकानों पर कार्रवाई की गई, कुछ दुकानें जो सड़कों के पास थीं, क्षतिग्रस्त कर दी गईं… टीमें अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रही हैं.’