निर्वाचन आयोग को सौंपी गई राजनीतिक दलों की व्यय रिपोर्ट बताती है कि इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर भाजपा ने 136.90 करोड़ रुपये ख़र्च किए, जिनमें से सर्वाधिक 78.10 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर व्यय किए गए. कांग्रेस ने इस चुनाव पर कुल 136.90 करोड़ रुपये ख़र्च करने की जानकारी दी है.
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग को सौंपी गई राजनीतिक दलों की व्यय रिपोर्ट बताती है कि भाजपा ने इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर 196.7 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कांग्रेस के 136.90 करोड़ रुपये के खर्च से 43% अधिक है.
इंडियन एक्सप्रेस ने इस रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 196.70 करोड़ रुपये के कुल खर्च में से भाजपा ने सामान्य पार्टी प्रचार पर 149.36 करोड़ रुपये और उम्मीदवारों पर 47.33 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की घोषणा की. पार्टी ने बताया कि इसने विज्ञापनों – प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, बल्क मैसेज, वेबसाइट और टीवी चैनलों- पर सर्वाधिक 78.10 करोड़ रुपये खर्चे किए.
चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में टीवी चैनलों, अख़बारों, फेसबुक, गूगल और वॉट्सऐप विज्ञापनों के लिए किए गए भुगतान का विवरण भी है.
भाजपा राज्य इकाई द्वारा स्टार प्रचारकों और अन्य नेताओं की यात्राओं पर किया गया खर्च 37.64 करोड़ रुपये था, वहीं केंद्रीय कार्यालय ने नेताओं की यात्रा पर 8.05 करोड़ रुपये खर्च किए. पार्टी मुख्यालय ने 29 मार्च से 15 मई तक ‘सर्वेक्षण’ पर 5.90 लाख रुपये भी खर्च किए.
ज्ञात हो कि कर्नाटक में मतदान 10 मई को हुआ और वोटों की गिनती 13 मई को हुई, जहां कांग्रेस ने बहुमत से जीतकर सरकार बनाई.
उम्मीदवारों पर खर्च की गई राशि में से अधिकांश (34 करोड़ रुपये) एकमुश्त भुगतान के तौर उम्मीदवारों को दिए गए. पार्टी ने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के प्रचार पर भी 2.93 करोड़ रुपये खर्च किए.
सितंबर में चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित व्यय रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव जीतने वाली कांग्रेस ने कुल 136.90 करोड़ रुपये खर्च किए – सामान्य पार्टी प्रचार पर 79.44 करोड़ रुपये और उम्मीदवारों पर 45.6 करोड़ रुपये.
2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार में भाजपा ने 122.68 करोड़ रुपये खर्च किए थे, वहीं कांग्रेस ने 34.48 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इस तरह से भाजपा ने 2018 के मुकाबले इस बार 60% ज्यादा खर्च किया; कांग्रेस का खर्च भी पांच साल पहले की तुलना में लगभग 300% बढ़ा.