एमपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त

कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बनाए गए थे. उनकी जगह लेने वाले जीतू पटवारी हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में राऊ सीट से चुनाव हार गए थे. इसके अलावा उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं, छत्तीसगढ़ में पार्टी ने चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है.

जीतू पटवारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बनाए गए थे. उनकी जगह लेने वाले जीतू पटवारी हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में राऊ सीट से चुनाव हार गए थे. इसके अलावा उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं, छत्तीसगढ़ में पार्टी ने चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है.

जीतू पटवारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार (16 दिसंबर) को जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति (एमपीसीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है. वह मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की जगह लेंगे. यह फैसला हालिया संपन्न राज्य के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लिया गया है.

कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. वह 5 साल से अधिक समय तक इस पद पर रहे.

कांग्रेस के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जीतू पटवारी को तत्काल प्रभाव से मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है.’

बयान में कहा गया है कि पार्टी निवर्तमान पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के योगदान की सराहना करती है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उमंग सिंघार को राज्य सदन में नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. सिंघार गंधवानी और कटारे अटेर से विधायक हैं.

सिंघार की बुआ जमुना देवी भी दो बार मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष रही थीं, वहीं हेमंत कटारे के पिता सत्यदेव कटारे भी नेता प्रतिपक्ष रहे थे.

बता दें कि जीतू पटवारी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं, हालांकि हालिया संपन्न चुनाव में वह राऊ विधानसभा सीट से हार गए थे. वहीं, उमंग सिंघार कमलनाथ सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ विवाद को लेकर सुर्खियों में रहे थे, जिसके बाद पार्टी में उन्हें हाशिये पर डाल दिया गया था.

छत्तीसगढ़ की बात करें तो कांग्रेस को वहां भी शर्मनाक तरीके से हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी ने राज्य में चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. हालांकि, दीपक बैज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान का नेतृत्व कमलनाथ ने किया था. अपनी अपमानजनक हार के कुछ दिनों बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं के साथ हार के कारणों की समीक्षा की थी.

हालांकि बैठक को सौहार्दपूर्ण बताया गया, लेकिन सूत्रों का कहना था कि दोनों राज्यों में शीर्ष पर बैठे लोगों को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

सूत्रों का कहना था कि राज्य के पार्टी नेताओं ने आत्मसंतुष्टि, समन्वय और एकता की कमी, संसाधनों की कमी, भाजपा के चुनाव अभियान का मुकाबला करने में विफलता और कांग्रेस के वादों को लोगों तक ले जाने में असमर्थता को हार का कारण बताया था.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर कांग्रेस को करारी शिकस्त दी थी, जबकि लगभग दो दशक की सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की उम्मीद कर कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर सिमट गई थी.

वहीं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने की भविष्यवाणियों के बीच भाजपा ने इस आदिवासी बहुल राज्य की 90 में से 54 सीटें जीतकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. कांग्रेस केवल 35 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि 2018 में उसने 68 सीट जीती थीं.