छत्तीसगढ़: क़र्ज़ से परेशान किसान ने आत्महत्या की, ऋण माफ़ी पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल नारायणपुर ज़िले का मामला. किसान की आत्महत्या के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि हाल के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाली भाजपा ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ़ करने का वादा किया था, लेकिन अब इससे पीछे हट रही है. वहीं, भाजपा विधायक ने कहा कि ऐसा वादा नहीं किया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल नारायणपुर ज़िले का मामला. किसान की आत्महत्या के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि हाल के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाली भाजपा ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ़ करने का वादा किया था, लेकिन अब इससे पीछे हट रही है. वहीं, भाजपा विधायक ने कहा कि ऐसा वादा नहीं किया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल नारायणपुर जिले के एक गांव में 55 वर्षीय एक किसान ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों ने बीते शनिवार (16 दिसंबर) को यह जानकारी दी.

किसान के परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने दावा किया कि वह कर्ज के बोझ और खराब फसल की पैदावार के कारण परेशान थे.

द वीक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुकड़ाझोर गांव के किसान हीरू बढ़ई ने 12 दिसंबर को अपने खेत में कीटनाशक खा लिया था. अगले दिन नारायणपुर के जिला अस्पताल में उनकी मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.

मृतक के बेटे योगेश्वर बढ़ई ने बताया कि उनके परिवार के पास लगभग 9 एकड़ जमीन है और चालू खरीफ फसल के मौसम के लिए जिला सहकारी बैंक से 1,12,852 रुपये का कर्ज लिया गया था.

उन्होंने कहा, ‘हाल ही में 1.24 लाख रुपये (ब्याज सहित) का कर्ज चुकाने के लिए एक नोटिस मिला था और पिता चिंतित थे. इस साल फसल उत्पादन भी अच्छा नहीं था, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई थी.’

योगेश्वर ने कहा, ‘मेरे पिता कर्ज चुकाने के बारे में चिंतित थे. वह मेरी शादी के लिए धन जुटाने के बारे में भी परेशान रहते थे. घटना के दिन पिता खेत पर अकेले थे, जबकि हम खाना खाने के लिए घर आ गए थे. बाद में उन्हें उल्टी करते हुए देखकर हम उन्हें अस्पताल ले गए, जहां अगले दिन उनकी मौत हो गई.’

अन्य निवासियों ने कहा कि मृतक किसान अपने ससुराल वाले गांव में रहते थे और उन्होंने अपनी सास के नाम पर कर्ज लिया था.

इस घटना को दुखद बताते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने दावा किया कि हाल के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाली भाजपा ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन अब इससे पीछे हट रही है.

हालांकि, नारायणपुर के भाजपा विधायक केदार कश्यप ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने विधानसभा चुनाव घोषणा-पत्र में कृषि ऋण माफी का वादा नहीं किया था.

कश्यप ने कहा, ‘जिस व्यक्ति ने आत्महत्या की है, उसके पास जमीन नहीं थी और यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि उसने यह कदम क्यों उठाया.’

बीते 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 90 सदस्यीय सदन में 54 सीटें जीतकर कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था.