उत्तर प्रदेश: उमेश पाल हत्याकांड के एक आरोपी नफ़ीस बिरयानी की इलाहाबाद के अस्पताल में मौत

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की उनके दो सुरक्षा गार्डों के साथ 25 फरवरी 2023 को इलाहाबाद शहर में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले के दौरान जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, वह कथित तौर पर नफ़ीस बिरयानी की थी. 17 दिसंबर को तबीयत बिगड़ने पर नफ़ीस को अस्पताल ले जाया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एक्स)

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की उनके दो सुरक्षा गार्डों के साथ 25 फरवरी 2023 को इलाहाबाद शहर में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले के दौरान जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, वह कथित तौर पर नफ़ीस बिरयानी की थी. 17 दिसंबर को तबीयत बिगड़ने पर नफ़ीस को अस्पताल ले जाया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: पुलिस की हिरासत के दौरान मारे गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद के सहयोगी नफीस बिरयानी, जो उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में जेल में बंद था, की हृदय गति (Heart Failure) ​रुकने से मौत हो गई है. पुलिस ने बीते सोमवार (18 दिसंबर) को यह जानकारी दी.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 50 वर्षीय नफीस बिरयानी की 17 दिसंबर की शाम को एसआरएन अस्पताल में मौत हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक, प्रथमदृष्टया मौत का कारण हार्ट अटैक लग रहा है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल में बंद नफीस की हालत बिगड़ने पर रविवार (17 दिसंबर) रात करीब 11 बजे जेल प्रशासन उसे एसआरएन अस्पताल ले गया था.

एसआरएन अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि नफीस ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे तुरंत आईसीयू में ट्रांसफर कर दिया गया था. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, नफीस को किडनी की समस्या थी, ब्लडप्रेशर असामान्य था और अतिरिक्त सहायता के बावजूद उसका ऑक्सीजन स्तर स्थिर नहीं था. रात करीब 1 बजे उनकी मौत हो गई.

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की उनके दो सुरक्षा गार्डों के साथ 25 फरवरी 2023 को इलाहाबाद शहर में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले के दौरान जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, वह कथित तौर पर नफीस बिरयानी की थी.

उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर इलाहाबाद के धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दोनों बेटे, उसके सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और नौ अन्य सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

इससे पहले बीते 13 अप्रैल को अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत दो लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने झांसी में हुए एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था. दो दिन बाद 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की इलाहाबाद के एक सरकारी अस्पताल के बाहर पुलिस की मौजूदगी में गोली मारकर हत्या कर दी गई, जहां उन्हें मेडिकल जांच के लिए लाया गया था. दोनों उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस कस्टडी रिमांड पर थे.

अतीक के बेटे असद अहमद और गुलाम, उमेश पाल की हत्या में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को उनके इलाहाबाद स्थित घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश पाल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे. अतीक अहमद विधायक की हत्या का आरोपी था.

अतीक के पांच बेटों में सबसे बड़े उमर ने 2018 में एक व्यवसायी के अपहरण के मामले में पिछले साल अक्टूबर में लखनऊ की एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. अतीक के दूसरे बेटे अली ने पिछले साल जुलाई में एक व्यापारी पर हमले के मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था.