अग्निपथ योजना को बिना सार्थक विचार विमर्श के लाया गया: कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की नई किताब का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना को उन लोगों के साथ कोई ‘सार्थक विचार-विमर्श किए बिना’ लाया गया जो इस ‘विनाशकारी नीति’ से सीधे प्रभावित होने वाले थे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@adgpi)

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की नई किताब का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना को उन लोगों के साथ कोई ‘सार्थक विचार-विमर्श किए बिना’ लाया गया जो इस ‘विनाशकारी नीति’ से सीधे प्रभावित होने वाले थे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@adgpi)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की लिखी नई किताब का हवाला देते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना को उन लोगों के साथ कोई ‘सार्थक विचार-विमर्श किए बिना’ लाया गया जो इस ‘विनाशकारी नीति’ से सीधे प्रभावित होने वाले थे.

एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘इंडिया के सांसदों के सामूहिक निलंबन की हेडलाइन को हथियाने के प्रयास जारी हैं, जिनकी संख्या अब 142 हो गई है. लेकिन हेडलाइन के इस खेल में अन्य ख़बरों का महत्व कम नहीं होना चाहए.’

उन्होंने आगे एक खबर का लिंक साझा करते हुए लिखा, ‘पूर्व सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने अपने संस्मरणों में खुलासा किया है कि अग्निपथ/अग्निवीर योजना सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुखों के लिए पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाली थी. इस योजना के ऐलान से वे चौंक गए थे. उन्होंने उस बात की पुष्टि कर दी है जो आम तौर पर लोग मान रहे थे कि अग्निपथ/अग्निवीर योजना को उन लोगों के साथ सार्थक विचार-विमर्श के बिना लाया गया था जो इस विनाशकारी नीति से सीधे तौर पर प्रभावित होने वाले थे.’

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख बनने के कुछ हफ्तों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक में जनरल नरवणे ने 2020 की शुरुआत में छोटे कार्यकाल के लिए सैनिकों को शामिल करने के लिए ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के बारे में बात की थी, लेकिन कुछ महीनों बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तीनों सेवाओं को शामिल करने के लिए व्यापक दायरे वाला एक फॉर्मूलेशन लेकर आया.

यह बात जनरल नरवणे ने अपने संस्मरण ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में लिखी है, जिसमें अग्निपथ योजना कैसे उपजी, इस बारे में विस्तार से बताया गया है.

नई योजना के तैयार होने के बाद जनरल नरवणे ने कहा है कि सेना ‘इससे आश्चर्यचकित थी, लेकिन नौसेना और वायुसेना के लिए यह बेहद चौंकाने वाला था. उन्हें इसकी उम्मीद भी नहीं थी.’

पूर्व सेना प्रमुख ने लिखा है, ‘जब मैंने पहली बार प्रधानमंत्री को टूर ऑफ ड्यूटी योजना के बारे में बताया था, तो यह सैनिक स्तर पर शॉर्ट-सर्विस विकल्प की तर्ज पर थी, जो अधिकारियों के लिए पहले से ही चल रही शॉर्ट सर्विस कमीशन योजना के समान थी.’

गौरतलब है कि ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा 14 2022 जून को की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने का प्रावधान है.

इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को एक साल के लिए बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था.

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