जन धन योजना के तहत खोले गए 20 प्रतिशत बैंक खाते निष्क्रिय: वित्त मंत्रालय

प्रधानमंत्री जन धन योजना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसके तहत जीरो-बैलेंस खाते खोले गए थे. हालांकि, कई रिपोर्ट बता चुकी हैं कि केवल खाता खोलने का मतलब यह नहीं है कि लोग उनका उपयोग करेंगे.

(फोटो साभार: जन धन योजना वेबसाइट)

प्रधानमंत्री जन धन योजना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसके तहत जीरो-बैलेंस खाते खोले गए थे. हालांकि, कई रिपोर्ट बता चुकी हैं कि केवल खाता खोलने का मतलब यह नहीं है कि लोग उनका उपयोग करेंगे.

(फोटो साभार: जन धन योजना वेबसाइट)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार (19 दिसंबर) को कहा कि देश में जन धन योजना के तहत खोले गए 20 प्रतिशत बैंक खाते निष्क्रिय हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सांसद जयंत चौधरी द्वारा राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा, ‘… लगभग 51.11 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में से लगभग 20 प्रतिशत खाते 06.12.2023 की तारीख में निष्क्रिय थे.’

यह समझाते हुए कि एक निष्क्रिय खाता क्या होता है, कराड ने आगे कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक बचत और चालू खाते को तब निष्क्रिय माना जाना चाहिए, यदि जब दो वर्ष से अधिक अवधि तक खाते में ग्राहक की ओर से कोई लेनदेन नहीं होता है. खाते के निष्क्रिय होने के कई कारण हो सकते हैं और इसका खाताधारक के लापता हो जाने से कोई सीधा परस्पर संबंध नहीं है. इसके अलावा, ग्राहक किसी भी समय निष्क्रिय खाते को सक्रिय करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं, जिसका कोई शुल्क नहीं लगता. बैंक आवश्यक केवाईसी करने के बाद इन खातों को चालू कर देते हैं.’

आधे से कुछ कम निष्क्रिय खाते महिलाओं के हैं, मंत्री ने कहा: ‘06.12.2023 तक, कुल 10.34 करोड़ निष्क्रिय पीएमजेडीवाई खातों में से 4.93 करोड़ खाते महिलाओं के थे. निष्क्रिय पीएमजेडीवाई खातों में जमा राशि लगभग 12,779 करोड़ रुपये है जो पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा राशि का लगभग 6.12 फीसदी है.’

मंत्री ने कहा कि हालांकि इस जमा राशि पर खाताधारक को ब्याज मिलता रहता है, और वह जब भी चाहे अपने खाते को वापस सक्रिय करके धनराशि निकाल सकता है.

कराड ने दावा किया कि बैंक निष्क्रिय खातों का प्रतिशत कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसके तहत जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. इसी कारण निष्क्रिय खातों का प्रतिशत मार्च 2017 के 40 प्रतिशत से घटकर नवंबर 2023 में 20 प्रतिशत रह गया.

प्रधानमंत्री जन धन योजना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी जो 2014 में शुरू की गई थी और इसके तहत लोगों के जीरो-बैलेंस खाते खोले गए थे. हालांकि, कई रिपोर्ट बता चुकी हैं कि केवल खाता खोलने का मतलब यह नहीं है कि लोग उनका उपयोग करेंगे.