स्टील सिटी के नाम से मशहूर ओडिशा के राउरकेला शहर हैज़े के प्रकोप से जूझ रहा है. इस जल-जनित बीमारी से प्रभावित 1,000 से अधिक लोगों को राउरकेला और सुंदरगढ़ ज़िले के अन्य हिस्सों के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. लोगों ने आरोप लगाया गया है कि बीमारी से मौतों की सही संख्या को दबाने की कोशिश की जा रही है.
नई दिल्ली: स्टील सिटी के नाम से मशहूर ओडिशा का राउरकेला शहर हैजे (कॉलरा) के प्रकोप से जूझ रहा है. जिसके कारण अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जल-जनित बीमारी से प्रभावित 1,000 से अधिक लोगों को राउरकेला और सुंदरगढ़ जिले के अन्य हिस्सों के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. हालांकि, राज्य सरकार ने मरने वालों की संख्या 6 बताई है.
सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने अखबार को बताया, ‘हैजे के कारण अब तक 6 मौतें हुई हैं. प्रभावित इलाकों में हेलोजन टैबलेट और ओआरएस पाउच भेजे जा रहे हैं. अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं.’
ओडिशा टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हैजा से प्रभावित तीन लोगों ने इस्पात जनरल अस्पताल (आईजीएच) में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि तीन अन्य की दूसरे अस्पताल में मौत हो गई. इसके अलावा कथित तौर पर एक और व्यक्ति की घर पर मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 13 हो गई, जो आधिकारिक आंकड़े छह-सात से अधिक है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों ने आरोप लगाया गया है कि हैजे से होने वाली मौतों की सही संख्या को दबाने की कोशिश की जा रही है. यह बीमारी कथित तौर पर नियंत्रण से बाहर हो रही है और मौतों की संख्या बढ़ रही है.
द टेलीग्राफ के अनुसार, अधिकांश मरीज राउरकेला नगरपालिका क्षेत्र से हैं, लेकिन झारखंड और राउरकेला के नजदीकी क्षेत्रों के लोग भी प्रभावित हुए हैं. राउरकेला नगर निगम (आरएमसी) ने आश्वासन दिया है कि स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा स्थिति की समीक्षा करने के बाद ओडिशा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव शालिनी पंडित और आवास एवं शहरी विकास सचिव जी. माथी वाथनन बीते बुधवार (20 दिसंबर) को स्थिति का जायजा लेने के लिए राउरकेला पहुंचे. स्टील सिटी के विभिन्न जल स्रोतों से एकत्र किए गए एक दर्जन से अधिक नमूनों में विब्रियो कॉलेरी (Vibrio Cholerae) बैक्टीरिया होने की पुष्टि हुई है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘मरीजों में विब्रियो कॉलेरी (बैक्टीरिया, जो हैजे का कारण बनता है) और ई कोलाई (E Coli) बैक्टीरिया का पता चला है.’
विब्रियो कॉलेरी और ई कोलाई (इनके कारण गंभीर पेट में ऐंठन, खूनी दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं) दोनों दूषित भोजन और पानी के कारण होते हैं.
द टेलीग्राफ के अनुसार, स्थिति की गंभीरता इतनी थी कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जो ओडिशा से आते हैं, ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया को लिखे एक पत्र में प्रधान ने कहा, ‘राउरकेला में डायरिया (हैजा इसका कारण बनता है) के प्रकोप की गंभीरता और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए इसका संभावित खतरा चिंताजनक है. कम से कम 8 लोगों की मौत की सूचना मिली है. वर्तमान में 600 व्यक्तियों का इलाज चल रहा है. ऐसा संदेह है कि यह बीमारी जल प्रदूषण के कारण होती है, जिससे प्रभावित आबादी में गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएँ पैदा होती हैं.’
ओडिशा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इसी बीच ओडिशा की स्वास्थ्य सचिव शालिनी पंडित और स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने राउरकेला का दौरा किया और प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लिया. पंडित ने आश्वासन दिया कि दो-तीन दिन में हैजे के प्रकोप पर काबू पा लिया जाएगा.