बाल मज़दूरी का ख़ात्मा दूर की कौड़ी, पहले देश ‘बच्चे’ की एक समान परिभाषा तय करे: संसदीय समिति

संसद की एक स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत को 2025 तक सभी प्रकार के बाल श्रम को समाप्त करने का लक्ष्य पाने के लिए लंबा रास्ता तय करना है. समिति ने विभिन्न क़ानूनों में दर्ज 'बच्चों' की अलग-अलग परिभाषाओं का हवाला देते हुए कहा है कि पहली ज़रूरत एक समान परिभाषा तैयार करने की है.

एक ईंट भट्ठे पर काम करता बाल श्रमिक. (फोटो साभार: UNICEF/Kolari)

संसद की एक स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत को 2025 तक सभी प्रकार के बाल श्रम को समाप्त करने का लक्ष्य पाने के लिए लंबा रास्ता तय करना है. समिति ने विभिन्न क़ानूनों में दर्ज ‘बच्चों’ की अलग-अलग परिभाषाओं का हवाला देते हुए कहा है कि पहली ज़रूरत एक समान परिभाषा तैयार करने की है.

एक ईंट भट्ठे पर काम करता बाल श्रमिक. (फोटो साभार: UNICEF/Kolari)

नई दिल्ली: एक संसदीय समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि बाल श्रम को खत्म करने की नीति के कार्यान्वयन को 2025 तक अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने से पहले एक लंबा रास्ता तय करना है और देश को विभिन्न कानूनों के तहत ‘बच्चे’ की एक समान परिभाषा तय करने की जरूरत है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, संसद में पेश श्रम, कपड़ा और कौशल विकास समिति पर संसदीय स्थायी समिति की 52वीं रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने विभिन्न कानूनों के तहत बच्चे की परिभाषा में अस्पष्टता पाई है.

इसमें कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के सम्मेलनों के अनुसमर्थन के बाद देश द्वारा की गईं प्रतिबद्धताओं के अनुसार बाल श्रम उन्मूलन के उद्देश्य को प्राप्त करने और 2025 तक सभी प्रकार के बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सतत विकास लक्ष्य 8.7 में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नीति के कार्यान्वयन को एक लंबा रास्ता तय करना है.’

बाल और किशोर श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम- 1986 (सीएएलपीआरए) के अनुसार, समिति ने कहा कि ‘बच्चे’ से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसने अपनी उम्र के 14 साल या वो उम्र पूरी कर ली है जो निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में निर्दिष्ट है (दोनों में जो भी अधिक हो).

2016 में अधिनियम में किया गया संशोधन 14-18 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले बच्चों को परिभाषित करता है. निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत, ‘बाल’ का अर्थ छह से चौदह वर्ष की आयु के बालक/बालिका से है.

न्यूनतम वेतन अधिनियम-1948 में 1986 में किए गए एक संशोधन के अनुसार, ‘बच्चे’ को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जिसकी आयु 14 वर्ष नहीं है.

वहीं, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2015 ‘बच्चे’ को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है जिसने अठारह वर्ष की आयु पूरी नहीं की है. इस अधिनियम में ‘किशोर’ शब्द को पारिभाषित नहीं किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति को यह समझाया गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में किशोर को 10-19 वर्ष के बीच के लड़के/लड़की के रूप में परिभाषित किया गया है.

समिति ने आगे कहा कि सीएएलपीआरए अधिनियम के उल्लंघन में बच्चों का रोजगार एक संज्ञेय अपराध है, जबकि जेजे अधिनियम-2015 में यह गैर-संज्ञेय अपराध है.

समिति चाहती है कि उपरोक्त अधिनियमों और अन्य संबंधित अधिनियमों में बच्चे की उम्र के निर्धारण के मानदंडों में विसंगतियों के साथ-साथ सीएएलपीआरए अधिनियम/जेजे अधिनियम के तहत अपराध के संज्ञेय/गैर-संज्ञेय होने के प्रावधानों की जांच यह सुनिश्चित करने की दृष्टि से की जाए कि इनमें कोई अस्पष्टता न हो, और साथ ही पीड़ित बच्चों को न्याय मिलने में देरी न हो.

समिति ने सुझाव दिया कि वो व्यवसाय और प्रक्रियाएं जहां बच्चे काम कर सकते हैं, की सूची में मंत्रालय को खतरनाक प्रकृति वाले व्यवसाय और प्रक्रियाएं शामिल नहीं करना चाहिए.

समिति ने श्रम मंत्रालय से आग्रह किया कि वह फंड (नियोक्ता से बाल श्रम के लिए जुर्माने के रूप में वसूला गया) के उपयोग के लिए उपयुक्त दिशानिर्देश तैयार करे और महंगाई को देखते हुए जुर्माने की राशि बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाए और बाल श्रम से बाहर निकाले गए बच्चों/किशोरों के खाते में समय पर धनराशि जमा कराया जाना सुनिश्चित करे ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.

समिति ने मंत्रालय को बाल श्रमिकों के लिए उचित राशि का जिला-स्तरीय कोष बनाने के लिए कदम उठाने का भी सुझाव दिया है. समिति का सुझाव है कि जुर्माने की राशि में तीन/चार गुना वृद्धि के अलावा, लाइसेंस रद्द करना, संपत्ति की कुर्की आदि कुछ सख्त सजाओं को भी शामिल किए जाने की जरूरत है.

इसने कहा है कि इसके लिए अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है, जिस पर श्रम और रोजगार मंत्रालय को बाल श्रम पर ‘जीरो टॉलेरेंस’ नीति रखने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

समिति ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) 2012 में एफआईआर दर्ज न करने पर पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई के प्रावधान हैं, ऐसे ही प्रावधना सीएएलपीआरए अधिनियम में भी किए जाने की जरूरत है.

समिति ने यह भी इच्छा व्यक्त की है कि ट्रैफिक सिग्नल पर सामान बेचने वाले या भीख मांगने वाले बच्चों की जानकारी देने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस को सौंपी जाए और ऐसे मामलों की जानकारी न देने पर उनकी जवाबदेही भी तय की जा सकती है.

इसने मंत्रालय को बच्चों के अनुकूल पुलिस थाने और अदालतें बनाने के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करने का सुझाव दिया है.

समिति एक राष्ट्रीय स्तर का चाइल्ड ट्रैकिंग तंत्र बनाए जाने की भी बात कहती है, जो केंद्र और राज्य के समन्वय के साथ काम करे, जिला स्तर पर निगरानी रखी जा सके और सूचना को डिजिटल माध्यम से आगे बढ़ाया जा सके, जिससे बाल श्रम की रोकथाम, बच्चों का पता लगाना, उन्हें बचाना, बचाए गए बच्चों का पुनर्वास आदि सुलभता से किया जा सके.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games pkv games bandarqq dominoqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq https://sayalab.com.mx/lab/pkv-games/ https://sayalab.com.mx/lab/dominoqq/ https://sayalab.com.mx/lab/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/pkv-games/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/dominoqq/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/bocoran-admin-jarwo/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/bocoran-admin-jarwo/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-25-bonus-25/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-50-bonus-50/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/slot77/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/kakek-merah-slot/ https://kis.kemas.gov.my/kemas/kakek-merah-slot/