अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों – एक जिप्सी और एक ट्रक – पर उस समय हमला किया, जब वे पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल की ओर जा रहे थे. पुंछ की सुरनकोट तहसील में डेरा-की-गली और बफ़लियाज़ इलाकों के बीच यह हमला हुआ, जहां हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, और तीन जवानों के घायल होने की सूचना है. अधिकारियों ने बताया कि हमला डेरा की गली और बफलियाज के बीच गुरुवार (21 दिसंबर) दोपहर करीब 3:45 बजे हुआ था.
मृतक जवानों में से चार की पहचान नायक बीरेंद्र सिंह, नायक करण कुमार, राइफलमैन चंदन कुमार और राइफलमैन गौतम कुमार के रूप में की गई है. घायलों की पहचान संदीप कुमार, श्याम सुंदर दास और टोडमल ज्ञानेश्वर भास्करराव के रूप में हुई है. माना जा रहा है उनमें से एक की चोटों के कारण मौत हो गई है.
अधिकारियों ने कहा कि सैनिक उस समय घायल हो गए जब संदिग्ध आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों – एक जिप्सी और एक ट्रक – पर हमला किया, जो पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल की ओर जा रहे थे.
रिपोर्टों के मुताबिक, पुंछ की सुरनकोट तहसील में डेरा-की-गली (डीकेजी) और बफलियाज इलाकों के बीच पर वाहनों पर घात लगाकर हमला किया गया, जहां हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.
हमले की जगह पर शूट किए गए एक वीडियो, जिसे द वायर द्वारा सत्यापित किया गया है, में सेना की जिप्सी को उसके टूटे हुए शीशे और बंदूक की गोली से कथित तौर पर पंक्चर टायरों को देखा जा सकता है, जबकि सड़क पर खून फैला हुआ है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर इलाके से भागने से पहले सैनिकों की कुछ राइफलें भी लूटने में कामयाब रहे. हमले के बाद हमलावरों की तलाश में सैनिकों की सहायता के लिए अतिरिक्त बल भेजा गया है.
मालूम हो कि पीर पंजाल, जिसमें राजौरी जिले के अलावा पुंछ और रियासी जिलों के कुछ हिस्से भी शामिल हैं, में हाल के वर्षों में आतंकवाद में वृद्धि देखी गई है और इस क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सेना के कई जवानों की जान चली गई है.
यह हमला निकटवर्ती राजौरी जिले के बाजीमल इलाके में दो सैन्य अधिकारियों और इतनी ही संख्या में सैनिकों के मारे जाने के एक महीने से भी कम समय बाद हुआ है. हमला इतना तेज था कि सुरक्षा बलों को आतंकवादियों से मुकाबला करने से पहले कुछ घायलों को छोड़कर पीछे हटना पड़ा और फिर से संगठित होना पड़ा.
हालांकि, कश्मीर घाटी में आतंकवाद से संबंधित हिंसा और स्थानीय भर्ती में काफी कमी आई है, ऐसा लगता है कि आतंकवादियों ने अपना ध्यान जम्मू की ओर स्थानांतरित कर दिया है, जो 5 अगस्त, 2019 से पहले एक आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र था, जब अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था.
यह क्षेत्र, जहां घना जंगल है, ऊबड़-खाबड़ इलाका है, सुरक्षा बलों और नागरिकों पर कुछ सबसे घातक हमले देखे गए हैं. इस साल मई में राजौरी के बुद्धल इलाके में घात लगाकर किए गए हमले में सेना की विशेष बल इकाई के पांच सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि एक आईईडी विस्फोट में एक अधिकारी घायल हो गए थे.
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