गुजरात: वाइब्रेंट गुजरात समिट से पहले सरकार ने गिफ्ट सिटी में शराब की अनुमति दी

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच व्यापारिक क्षेत्र है. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, गिफ्ट सिटी में होटल, क्लब आदि 'वाइन एंड डाइन' सुविधा के लिए लाइसेंस ले सकते हैं, अधिकृत कर्मचारियों और आगंतुकों को शराब पीने की अनुमति होगी, लेकिन इन जगहों से शराब की बोतलें नहीं बेच सकते.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay/Nicholas Cadwallader)

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच व्यापारिक क्षेत्र है. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, गिफ्ट सिटी में होटल, क्लब आदि ‘वाइन एंड डाइन’ सुविधा के लिए लाइसेंस ले सकते हैं, अधिकृत कर्मचारियों और आगंतुकों को शराब पीने की अनुमति होगी, लेकिन इन जगहों से शराब की बोतलें नहीं बेच सकते.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay/Nicholas Cadwallader)

नई दिल्ली: गुजरात सरकार ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) में ‘वाइन एंड डाइन’ सेवाएं देने वाले होटल, रेस्तरां और क्लबों में शराब के सेवन की अनुमति दे दी है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शुक्रवार (22 दिसंबर) को इस संबंध में एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई है.

गिफ्ट सिटी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और मालिकों को शराब एक्सेस परमिट जारी किया जाएगा, जिससे उन्हें ‘वाइन एंड डाइन’ सेवाएं देने वाले प्रतिष्ठानों में शराब का सेवन करने की अनुमति मिलेगी. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कंपनी के अधिकृत आगंतुकों को इन प्रतिष्ठानों में शराब का सेवन करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कि उनके साथ स्थायी कर्मचारी मौजूद हों और अस्थायी परमिट हो.

गिफ्ट सिटी में होटल, रेस्तरां और क्लब ‘वाइन एंड डाइन’ सुविधा के लिए एफएल-3 (FL3) लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं.

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, गिफ्ट सिटी के आधिकारिक तौर पर कार्यरत कर्मचारियों और आगंतुकों को इन प्रतिष्ठानों में शराब का सेवन करने की अनुमति है, लेकिन इन स्थानों से शराब की बोतलें नहीं बेच सकते हैं.

अधिसूचना में कहा गया है कि गिफ्ट सिटी में एफएल-3 लाइसेंस प्राप्त प्रतिष्ठानों द्वारा शराब के आयात, भंडारण और परोसने पर निगरानी और नियंत्रण समेत पूरी प्रक्रिया पर नारकोटिक्स और उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा नज़र रखी जाएगी.

साबरमती नदी के किनारे स्थित, गिफ्ट सिटी अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच निर्माणाधीन एक व्यापारिक क्षेत्र है. अंतर-सीमा वित्तीय सेवाओं के केंद्र के रूप में कार्य करते हुए गिफ्ट सिटी अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा होने का दावा करती है, जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के वित्तीय संस्थानों को अपने परिसर में इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित करती है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गुजरात सरकार ने इस फैसले के पीछे का उद्देश्य ‘वैश्विक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र’ प्रदान करना बताया है. यह छूट 10वें तीन दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के शुभारंभ से बमुश्किल तीन सप्ताह पहले दी गई है.

अखबार के मुताबिक, राज्य निषेध और आबकारी विभाग ने एक बयान में कहा है, ‘गिफ्ट सिटी एक वैश्विक वित्तीय और तकनीकी केंद्र के रूप में उभरा है जो आर्थिक गतिविधियों से भरपूर है. वैश्विक निवेशकों, तकनीकी विशेषज्ञों और वहां स्थापित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को वैश्विक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए गिफ्ट सिटी क्षेत्र में ‘वाइन एंड डाइन’ सुविधाओं की अनुमति देने के लिए निषेध नियमों को बदलने के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है.’

महाराष्ट्र से अलग होने के बाद राज्य का दर्जा मिलने के बाद से गुजरात ने शराब पर प्रतिबंध लगा रखा है. हालांकि, कई अवसरों, जैसे कि वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन जैसे वैश्विक आयोजनों के दौरान, पर इसने इन प्रावधानों में ढील दी है.

इस बीच, गुजरात से कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने इस फैसले को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है.

इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि यह गुजरात में शराब पर लगी रोक पर पिछले दरवाजे से ढील देने का प्रयास है.

उन्होंने कहा कि गुजरात में शराब पर रोक के कारण कानून-व्यवस्था अच्छी बनी रही है और इस रोक के कारण ही महिलाएं देर रात सड़कों पर घूम सकती हैं. उन्होंने दावा किया, ‘गुजरात में नवरात्रि के दौरान एक लड़की गरबा खत्म होने के बाद रात 2 बजे भी अकेले स्कूटर पर घर जा सकती है.’

साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योगपति गुजरात में औद्योगिक इकाइयां इसलिए ही लगाना चाहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि गुजरात में मजदूर खुद को शराब में बर्बाद नहीं करते और अच्छे नतीजे देते हैं.

उन्होंने गुजरात की औद्योगिक उपलब्धियां गिनाते हुए राज्य के लोगों से समर्थन मांगा कि वे राज्य सरकार को फैसला वापस लेने के लिए मनाएं.

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अमित चावड़ा ने भी सोशल मीडिया पर दावा किया कि शराबबंदी गांधी के गुजरात के विकास की आधारशिला रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण गुजरात का युवा पहले से ही नशीले पदार्थों और शराब की समस्या से जूझ रहा है और अब सरकार कारोबार और विकास के नाम पर पिछले दरवाजे से शराबबंदी में ढील दे रही है.