अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान पिछले 10 वर्षों में आर्थिक विकास के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूछे जाने वाला सवाल यह है कि उस विकास की प्रकृति क्या है और उससे किसे लाभ हो रहा है. भारत बढ़ रहा है, लेकिन वह बड़े पैमाने पर बहुत कम लोगों की ओर धन केंद्रित कर रहा है.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के कैंब्रिज स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के साथ बातचीत में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, लेकिन धन कुछ हाथों में केंद्रित हो रहा है और बेरोजगारी की चुनौती जारी है.
राहुल ने बीते शनिवार (23 दिसंबर) को सोशल साइट एक्स पर 15 दिसंबर को हुई इस बातचीत का एक वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘सभी छात्रों को मेरी सलाह – सच्ची शक्ति लोगों से जुड़ने, वे जो कह रहे हैं उसे गहराई से सुनने और अपने प्रति दयालु होने से आती है.’
द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बातचीत के दौरान पिछले 10 वर्षों में आर्थिक विकास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जब आप आर्थिक विकास के बारे में बात करते हैं तो आपको यह सवाल पूछना होगा कि आर्थिक विकास किसके हित में है.’
उन्होंने कहा, ‘पूछे जाने वाला सवाल यह है कि उस विकास की प्रकृति क्या है और उससे किसे लाभ हो रहा है. भारत में विकास के आंकड़े के ठीक बगल में बेरोजगारी का आंकड़ा है. इसलिए भारत बढ़ रहा है, लेकिन जिस तरह से यह बढ़ रहा है, वह बड़े पैमाने पर बहुत कम लोगों की ओर धन केंद्रित कर रहा है.’
My advice to all students – True power comes from connecting with people, listening deeply to what they’re saying, and being kind to yourself.
Dive into my interaction with Harvard students:https://t.co/RnH52kQhHy pic.twitter.com/QWIp0aLHah
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 23, 2023
उन्होंने कहा, ‘हम ऋण मॉडल पर काम कर रहे हैं और हम अब उत्पादन नहीं कर रहे हैं. भारत में असली चुनौती यह है कि हम एक उत्पादन अर्थव्यवस्था कैसे स्थापित करें, जो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देने में सक्षम हो.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास मिस्टर अडानी हैं, हर कोई जानता है कि वह सीधे प्रधानमंत्री से जुड़े हुए हैं. वह हमारे सभी बंदरगाहों, हवाई अड्डों, हमारे बुनियादी ढांचे के मालिक हैं! इस तरह एक जगह केंद्रित विकास तो आपको मिलेगा, लेकिन आपको (धन का) कोई वितरण नहीं मिलेगा.’
यह पूछे जाने पर कि इसका चुनावी परिणाम या लोगों की लामबंदी पर असर क्यों नहीं हुआ, राहुल ने कहा कि बड़े पैमाने पर लामबंदी है, लेकिन ‘चुनाव लड़ने के लिए बुनियादी ढांचे’ की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा, ‘आपको एक निष्पक्ष मीडिया, निष्पक्ष कानूनी प्रणाली, निष्पक्ष चुनाव आयोग, वित्त तक पहुंच के लिए तटस्थ संस्थानों की आवश्यकता है. ऐसे अमेरिका की कल्पना करें, जहां आईआरएस (अमेरिकी की टैक्स संस्था) और एफबीआई (जांच एजेंसी) का काम विपक्ष को खत्म करना है. तो यही वह उदाहरण (Paradigm) है, जिसमें हम रह रहे हैं.’
अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए वे बोले, ‘मैं 4,000 किलोमीटर इसलिए नहीं चला, क्योंकि मुझे इतना चलना पसंद है. मैं 4,000 किलोमीटर पैदल चला, क्योंकि हमारी बात पहुंचाने का कोई और रास्ता नहीं था.’
Had a wonderful and engaging chat with a diverse community of Harvard students from across the world.
The students were curious about a wide range of topics – about India, the rise of authoritarianism and challenges to democratic politics, geopolitical challenges posed by… pic.twitter.com/qm7drI2vhy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 15, 2023
वे कहते हैं, ‘यहां तक कि मेरे सोशल मीडिया एकाउंट भी पूरी तरह नियंत्रण में हैं. मुझ पर 24/7 एक शैडो प्रतिबंध लगा हुआ है. मेरा ट्विटर (एकाउंट) नियंत्रण में है, मेरा यूट्यूब नियंत्रण में है और मैं अकेला नहीं हूं, पूरा विपक्ष नियंत्रण में है. मुझे नहीं लगता कि भारत अब एक स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतंत्र चला रहा है.’
उन्होंने कहा कि देश में जाति एक वास्तविक समस्या है. उन्होंने इसकी तुलना ‘रंगभेद’ से की.
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह भारत को राज्यों के संघ के रूप में नहीं, बल्कि ‘एक विचारधारा, एक धर्म, एक भाषा’ वाले राष्ट्र के रूप में मानती है.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए वे बातचीत को खत्म कर देते हैं, वे संस्थानों पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं. तो वास्तव में इस समय यह भारत में राजनीतिक लड़ाई है.’
उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि अगर आप भारत में बातचीत बंद कर देते हैं तो (राज्यों के) संघ और भारत के बीच बातचीत टूट जाती है, भारत खुद ही टूट जाता है. तो आप देख सकते हैं कि मणिपुर जल रहा है, आप देख सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर जल रहा है. आप देख सकते हैं कि तमिलनाडु में समस्या है.’
उन्होंने कहा कि मणिपुर में ‘गृह युद्ध’ चल रहा है.
रूस के साथ भारत के संबंधों पर एक सवाल के जवाब में वे बोले, ‘एक ठोस रूस-चीन गठबंधन अमेरिका के लिए एक वास्तविक समस्या है. हमारे पारंपरिक रूप से रूस के साथ संबंध रहे हैं. अमेरिका का सहयोगी या भागीदार होने का मतलब यह नहीं है कि हम किसी और से बात नहीं करते.’