नज़दीक आते लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस ने अपने संगठन में फेरबदल करते हुए कई राज्यों के प्रभारी बदले हैं. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की जगह अविनाश पांडे को उत्तर प्रदेश का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है. इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में घोषणा-पत्र समिति गठित की गई थी.
नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार और लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीते शनिवार (23 दिसंबर) को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) सचिवालय में लंबे समय से विलंबित फेरबदल किया, जिसके तहत महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य के प्रभार से मुक्त कर दिया गया और सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ये नियुक्तियां पार्टी के चुनावी अभियान को आकार देने और लोकसभा के दौरान जिन मुद्दों को लेकर पार्टी आगे बढ़ेगी, के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में नियुक्त की गई घोषणा-पत्र समिति के एक दिन बाद हुई हैं.
गौरतलब है कि बीते 21 दिसंबर को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से तत्परता दिखाने और आम चुनाव की तैयारी शुरू करने का आह्वान किया था.
बहरहाल, प्रियंका बिना किसी निर्धारित जिम्मेदारी के महासचिव बनी रहेंगी. प्रियंका की जगह उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव अब अविनाश पांडे होंगे, जो झारखंड के प्रभारी थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रियंका यूपी के प्रभारी के रूप में बने रहने की इच्छुक नहीं थीं, जहां उन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनावों में महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित एक आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली थी. पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, क्योंकि वह केवल दो विधानसभा सीटें जीतने में सफल रही थी.
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने और भी बदलाव किए हैं. पूर्व में कई राज्यों के प्रभारी रह चुके मुकुल वासनिक को गुजरात का प्रभारी बनाया गया है. कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ से उत्तराखंड भेजा गया है. देवेंद्र यादव को उत्तराखंड से पंजाब और मनिकम टैगोर को गोवा से आंध्र प्रदेश भेजा गया है. मोहन प्रकाश को बिहार का प्रभारी बनाया गया है.
सचिन पायलट के अलावा महासचिव के रूप में शामिल होने वाले नए नामों में जम्मू कश्मीर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर और दीपा दासमुंशी का नाम भी शामिल है.
मीर के पास पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त प्रभार के साथ झारखंड का प्रभार है, जबकि दासमुंशी को तेलंगाना के अतिरिक्त प्रभार के साथ ही केरल, लक्षद्वीप का प्रभार सौंपा गया है. दासमुंशी की पदोन्नति का मतलब है कि वह इस बार रायगंज लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगी.
महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला जहां कर्नाटक के प्रभारी बने रहेंगे, वहीं दीपक बाबरिया हरियाणा के अतिरिक्त प्रभार के साथ दिल्ली के प्रभारी बने रहेंगे. जयराम रमेश संचार महासचिव बने रहेंगे और केसी वेणुगोपाल ने एआईसीसी महासचिव (संगठन) के रूप में अपना पद बरकरार रखा है. असम के प्रभारी महासचिव जितेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
एक आश्चर्यजनक फैसले में अनुभवी कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला को महाराष्ट्र का प्रभारी तो बनाया गया, लेकिन महासचिव नहीं बनाया गया है. वासनिक को छोड़कर 12 महासचिवों में से अधिकांश संगठन में उनसे काफी कनिष्ठ हैं.
लोकसभा सांसद चेल्लाकुमार, जो ओडिशा के प्रभारी थे, को मेघालय, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में भेजा गया है. उनकी जगह अजॉय कुमार को ओडिशा का प्रभारी बनाया गया है, जिनके पास तमिलनाडु और पुडुचेरी का भी अतिरिक्त प्रभार होगी. अजॉय कुमार इससे पहले सिक्किम, नगालैंड और त्रिपुरा के प्रभारी थे.
गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी को रजनी पाटिल की जगह जम्मू कश्मीर का प्रभार सौंपा गया है. सुखजिंदर सिंह रंधावा राजस्थान प्रभारी बने रहेंगे.
एक हैरानी भरा फैसला लेते हुए पार्टी ने तेलंगाना के प्रभारी माणिकराव ठाकरे को गोवा, दमन और दीव तथा दादर नागर हवेली स्थानांतरित कर दिया है. गौरतलब है कि तेलंगाना में उनके प्रभारी रहते पार्टी ने कुछ ही दिनों पहले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.
गोवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गिरीश चोदनकर – जो कभी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के प्रभारी थे – को त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर और नगालैंड का प्रभार सौंपा गया है.
इस फेरबदल में महासचिव पद से तारिक अनवर और प्रभारी पद से भक्त चरण दास, हरीश चौधरी, रजनी पाटिल और मनीष चतरथ को हटाया गया है.