जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में आतंकी हमले में 4 जवानों के शहीद होने के बाद पूछताछ के लिए सेना द्वारा उठाए गए तीन नागरिकों की मौत की घटना पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रचारित सामान्य स्थिति को बनाए रखने के लिए यहां के निर्दोष लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बीते रविवार (24 दिसंबर) को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह जम्मू कश्मीर में चीजों को छिपाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि जमीनी हकीकत शांति की उनकी फर्जी कहानी को खत्म कर देगी.
सोशल साइट एक्स पर मुफ़्ती ने कहा, ‘आतंकवादी हमले में पांच जवान शहीद हो गए, सेना द्वारा हिरासत में तीन निर्दोष नागरिकों को यातनाएं देकर मार डाला गया, कई अभी भी अस्पतालों में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब एक सेवानिवृत्त एसपी की हत्या कर दी गई. भारत सरकार द्वारा प्रचारित सामान्य स्थिति को बनाए रखने के लिए निर्दोष लोगों को अतिरिक्त नुकसान उठाना पड़ रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘कोई नहीं जानता कि किसकी अधिक निंदा करें? अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सेना के पांच जवानों की हत्या या उन लोगों द्वारा सबसे बर्बर तरीके से यातना देकर नागरिकों को मौत के घाट उतारने की, जिन्हें दुश्मन से हमारी रक्षा करनी थी?’
Five jawans martyred in a militant ambush, three innocent civilians tortured to death in custody by army , many still battling for their lives in hospitals & now a retired SP killed. Innocent people have become collateral damage to maintain the facade of normalcy touted by GOI.…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 24, 2023
उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हर जीवन खतरे में है और भारत सरकार हर चीज को केवल इसलिए दबा देना चाहती है, क्योंकि जमीनी हकीकत उनकी फर्जी कहानी को खत्म कर देगी. देश के जागने से पहले यह कब तक चलता रहेगा?’
मुफ्ती ने यह भी कहा कि सेना ने और भी नागरिकों को उठाया है और उनके परिवारों को उनके ठिकाने के बारे में सूचित नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘डीकेजी आर्मी कैंप ने थानामंडी क्षेत्र से पंचायत बंघिया के नागरिकों को उठाया है और उनके बारे में जानकारी छिपा रहे हैं और उनके चिंतित परिवार के सदस्यों को कैंप में उनसे मिलने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है.’
DKG army camp has picked up civilians of Panchayat banghia from thana mandi area & are withholding information about them. Nor are their worried family members being allowed to see them at the camp who fear for their lives because of the Topi episode where civilians were tortured…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 24, 2023
मुफ्ती ने कहा, ‘इन नागरिकों के परिवार टोपा पीर गांव प्रकरण के कारण चिंतित थे, जहां नागरिकों को हिरासत में मौत के घाट उतार दिया गया था.’
उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से ‘इन गरीब परिवारों पर इसी तरह की त्रासदी होने से पहले हस्तक्षेप करने’ का आग्रह किया है.
मालूम हो कि बीते 21 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों – एक जिप्सी और एक ट्रक – पर हमला किया था, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए थे. ये जवान पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल की ओर जा रहे थे. पुंछ की सुरनकोट तहसील में डेरा-की-गली और बफ़लियाज़ इलाकों के बीच यह हमला हुआ था.
इसके बाद सेना के जवानों ने बीते 22 दिसंबर को जिले के टोपा पीर गांव कम से कम आठ नागरिकों को पूछताछ के लिए उठाया था. इनमें से 3 लोग उस जगह के नजदीक मृत पाए गए थे, जहां आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया था.
इस घटना ने अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ की याद दिला दी, जहां दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में जुलाई 2020 में एक फर्जी मुठभेड़ में तीन लोगों की हत्या के लिए सेना की अदालत ने सेना के कैप्टन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे एक न्यायाधिकरण ने नवंबर 2023 में निलंबित करके कैप्टन को जमानत दे दी है.