भारत-पाकिस्तान ने बातचीत से समाधान नहीं निकाला तो कश्मीर भी गाज़ा बन जाएगा: फ़ारुक़ अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भारत-पाक के बीच कश्मीर मुद्दे का समाधान बातचीत से करने की पैरवी करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान का पीएम बनने की संभावना है. उन्होंने बार-बार कहा है कि वे बातचीत को तैयार हैं. क्या वजह है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो साभार: एएनआई)

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भारत-पाक के बीच कश्मीर मुद्दे का समाधान बातचीत से करने की पैरवी करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान का पीएम बनने की संभावना है. उन्होंने बार-बार कहा है कि वे बातचीत को तैयार हैं. क्या वजह है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फाइल साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार (26 दिसंबर) को चेतावनी दी कि अगर भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं की तो हालात फिलीस्तीन के गाजा सरीखे हो जाएंगे.

द हिंदू के मुताबिक, श्रीनगर में डॉ. अब्दुल्ला ने कहा, ‘लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. यदि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए अनुकूल माहौल नहीं बनाया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब जम्मू कश्मीर गाजा जैसा बन जाएगा और लोगों को फिलिस्तीन की तरह कष्ट सहना पड़ेगा.’

उन्होंने दावा किया कि पड़ोसी देश में आगामी चुनाव में पाकिस्तानी नेता नवाज शरीफ के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की संभावना है.

अब्दुल्ला ने कहा, ‘शरीफ ने बार-बार कहा है कि वह भारत से बातचीत के लिए तैयार हैं. क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं? यदि हम बातचीत के माध्यम से समाधान नहीं ढूंढते हैं, तो हमारा भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा.’

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस बयान को दोहराते हुए कि दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं, डॉ. अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान से आगे आकर मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, ‘अगर हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेंगे, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि युद्ध विकल्प नहीं है.’ वह आगे पूछते हैं, ‘इसलिए आज, अगर पाकिस्तान की ओर से बातचीत के लिए आवाजें उठती हैं, तो हम उनका जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं?’

डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि ‘जो आतंकवाद के खात्मे के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, वे नहीं जानते हैं कि ‘बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनने तक’ यह ख़त्म नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद उस समय तक खत्म नहीं होने वाला है.’