पश्चिम बंगाल में गीता पाठ समारोह के वीआईपी पास से पैसे उगाहने की बात कहने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा को उनके पद से हटा दिया गया, वहीं कर्नाटक में पार्टी के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा है कि भाजपा सरकार के दौरान कोरोना वायरस प्रबंधन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के में भाजपा राष्ट्रीय सचिव, जिन्होंने राज्य इकाई के नेताओं पर कथित तौर पर गीता पाठ समारोह से धन उगाहने का आरोप लगाया था, को इस हफ्ते की शुरुआत में पद से हटा दिया गया था.
रविवार (24 दिसंबर) को अनुपम हाजरा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा था कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ कार्यक्रम के लिए पार्टी नेताओं द्वारा 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पास बेचे जा रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने एक पोस्ट साझा किया था, जिसमें लिखा था, ‘गीता पाठ के लिए कुछ वीआईपी पास बनवाए गए थे और इन्हें भाजपा के ब्लॉक स्तर के नेताओं को कुछ लोगों को देने के लिए कहा गया था. हालांकि, बीरभूम के नलहाटी में ये पास हज़ार रुपये में बेचे जा रहे हैं.’
अनुपम हाजरा ने इसे फेसबुक पर शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग किया था और लिखा था, ‘अगर ये सच है तो ये खतरनाक है! गीता पाठ में भी भ्रष्टाचार, क्या ये हिंदू ही हैं? अगर चोरी और भ्रष्टाचार के सैकड़ों आरोपों के बावजूद कोई संस्था के करीब है तो कोई बदलाव नहीं आएगा, उल्टा, उसका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. कौन जाने कि हम कब तक भ्रष्टाचार मुक्त भाजपा के लिए चिल्लाते रहेंगे?’
इसके दो दिन बाद अमित शाह और जेपी नड्डा आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए कोलकाता में थे.
इसके बाद मंगलवार रात हाजरा को उनके पद से हटा दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर बताती है कि इस दौरान शांतिनिकेतन में लगे पौष मेले में हाजरा ने एक बूथ बनाया था, जिसमें भाजपा के असंतुष्ट सदस्यों और कार्यकर्ताओं को उनकी शिकायतें साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था.
हाजरा इससे पहले तृणमूल कांग्रेस में थे और फिर भाजपा में आए और दोनों ही जगहउनका पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेद रहा है.
विश्वभारती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हाजरा पहली बार 2014 में बोलपुर सीट से टीएमसी के टिकट पर चुने गए थे. उन्होंने तब उनके क्षेत्र के शक्तिशाली पार्टी नेताओं के राजनीतिक प्रभाव के कारण स्वतंत्र निर्णय लेने से रोके जाने का आरोप लगाया था.
जनवरी 2019 में पार्टी से निकाले जाने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें जादवपुर लोकसभा क्षेत्र से टिकट मिला. हालांकि, वे इस बार टीएमसी की मिमी चक्रवर्ती से हार गए.
इसके बाद साल 2020 में हाजरा को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख राहुल सिन्हा से पदभार लेते हुए राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया था. इस साल, भाजपा नेतृत्व ने हाजरा को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया था.
पश्चिम बंगाल की तरह ही कर्नाटक में भी भाजपा के विधायक ने उनकी ही पार्टी की पिछली सरकार पर 40 हज़ार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से वे येदियुरप्पा और उनके परिवार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. यतनाल ने दावा किया कि भाजपा सरकार के दौरान कोरोना वायरस प्रबंधन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था.
कई भाजपा नेता यतनाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस पर यतनाल ने कहा, ‘उन्होंने (कर्नाटक में भाजपा सरकार) सब कुछ (कोविड के दौरान भारी भ्रष्टाचार) किया है. उन्हें मुझे नोटिस भेजने दीजिए और पार्टी से निकालने की कोशिश करने दीजिए, मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा.’
यतनाल ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर उन्हें पार्टी से निकाला गया तो वह कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में 40,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं का पर्दाफाश कर देंगे.
उनकी बयानबाज़ी के बाद कर्नाटक भाजपा के महासचिव पी. राजीव ने बुधवार को कहा था कि पार्टी ने हाल के कुछ घटनाक्रमों पर ध्यान दिया है और वह ऐसी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी जो उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हो.