गणतंत्र दिवस: केंद्र ने 8 साल में तीसरी बार बंगाल की कन्याश्री योजना पर आधारित झांकी ख़ारिज की

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कन्याश्री प्रकल्प, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है, को केंद्र सरकार द्वारा मंज़ूरी नहीं दी गई है. बंगाल की इस योजना पर आधारित झांकी को 2015 और 2020 में भी ख़ारिज कर दिया गया था.

ममता बनर्जी. (फोटो साभार: फेसबुक/@MamataBanerjeeOfficial)

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कन्याश्री प्रकल्प, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है, को केंद्र सरकार द्वारा मंज़ूरी नहीं दी गई है. बंगाल की इस योजना पर आधारित झांकी को 2015 और 2020 में भी ख़ारिज कर दिया गया था.

ममता बनर्जी. (फोटो साभार: फेसबुक/@MamataBanerjeeOfficial)

नई दिल्ली: केंद्र ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रमुख परियोजना ‘कन्याश्री’ पर आधारित पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित गणतंत्र दिवस की झांकी को आठ साल में तीसरी बार खारिज कर दिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल सरकार में  मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कन्याश्री प्रकल्प, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है, को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर इस झांकी को खारिज नहीं किया गया होता, तो मुख्यमंत्री के गतिशील नेतृत्व में महिलाओं के उत्थान में बंगाल सरकार का वैज्ञानिक दृष्टिकोण इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की विफलताओं के साथ तुलना करके सामने आ गया होता.’

सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, जो गणतंत्र दिवस की झांकियों के प्रस्तावों की स्क्रीनिंग करता है, कथित तौर पर राज्य के अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन देने से पहले ही बंगाल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

टीएमसी के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘पंजाब सहित कई राज्यों जहां गैर-भाजपा दलों की सरकार है, के प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया है. यह केवल केंद्र की पक्षपात को दर्शाता है.’

बंगाल की प्रस्तावित कन्याश्री झांकी को पहले 2015 और 2020 में खारिज कर दिया गया था. कुल मिलाकर, यह 5वीं बार है जब गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए राज्य के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया गया है, जिसमें 2017 और 2022 भी शामिल हैं.

2022 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित एक झांकी की अस्वीकृति ने विवाद पैदा कर दिया था, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था.