प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन धार्मिक भावनाओं का घोर दुरुपयोग है: सीताराम येचुरी

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन धर्म के खुले राजनीतिकरण का प्रतिनिधित्व करता है, जो संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है. इसका मुक़ाबला करने की रणनीति धर्मनिरपेक्षता का सख़्ती से पालन करना है. आप नरम हिंदुत्व या नरम भगवा दृष्टिकोण बनकर धार्मिक कट्टरवाद का मुक़ाबला नहीं कर सकते.

सीताराम येचुरी. (फोटो साभार: फेसबुक)

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन धर्म के खुले राजनीतिकरण का प्रतिनिधित्व करता है, जो संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है. इसका मुक़ाबला करने की रणनीति धर्मनिरपेक्षता का सख़्ती से पालन करना है. आप नरम हिंदुत्व या नरम भगवा दृष्टिकोण बनकर धार्मिक कट्टरवाद का मुक़ाबला नहीं कर सकते.

सीताराम येचुरी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने बीते शुक्रवार (29 दिसंबर) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों की उपस्थिति में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन भाजपा के राजनीतिक लाभ के लिए ‘धार्मिक भावनाओं का घोर दुरुपयोग’ है.

मीडिया को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा कि संविधान स्पष्ट रूप से धर्मनिरपेक्षता को राजनीति और राज्य से धर्म को अलग करने के रूप में परिभाषित करता है.

उन्होंने कहा कि मंदिर का उद्घाटन धर्म के खुले राजनीतिकरण का प्रतिनिधित्व करता है, जो संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है.

द प्रिंट की ​एक रिपोर्ट के अनुसार, येचुरी ने कहा, ‘यहां इस समारोह का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की उपस्थिति में किया जाएगा. हमें लगता है कि यह उनके (भाजपा) राजनीतिक उद्देश्यों के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं का घोर दुरुपयोग है. यह धर्म का खुला राजनीतिकरण है, जो संविधान या सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुरूप नहीं है.’

उन्होंने कहा कि इस राजनीतिकरण का मुकाबला करने की रणनीति धर्मनिरपेक्षता का सख्ती से पालन करना है.

वरिष्ठ वामपंथी नेता ने कहा, ‘आप नरम हिंदुत्व या नरम भगवा दृष्टिकोण बनकर धार्मिक कट्टरवाद का मुकाबला नहीं कर सकते.’

उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के इसके ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (उद्घाटन) समारोह में शामिल होने की उम्मीद है.

रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा येचुरी ने मोबाइल फोन की निगरानी के मुद्दे और अर्थव्यवस्था की कथित विफलता सहित विभिन्न पहलुओं पर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर हमला किया.

मोबाइल फोन की हैकिंग या निगरानी के संबंध में एप्पल फोन के नोटिफिकेशन के हालिया मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह एक निगरानी वाला राज्य (Surveillance State) है, जिसे स्थापित किया गया है’ और यह केवल हमारी गोपनीयता में घुसपैठ नहीं, बल्कि यह उससे कहीं ज्यादा है.

उन्होंने आगे कहा, ‘यह एक निगरानी राज्य है, जहां हर चीज पर नजर रखी जा रही है, यहां तक कि बातचीत पर भी.’

भाजपा के ‘जीवंत अर्थव्यवस्था’ के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने इसे प्रचार करार दिया.

येचुरी ने कहा, ‘जहां तक लोगों का सवाल है, उनकी आजीविका के मामले में पिछले 10 साल सबसे खराब हैं. बेरोजगारी चरम पर है. यह सरकार आंकड़ों में बहुत हेराफेरी कर रही है. अब उन्होंने अवैतनिक श्रम के रोजगार में एक नई श्रेणी जोड़ दी है.’

उन्होंने दावा किया कि घरेलू मांग में कमी के कारण देश में उद्योग बढ़ने में असमर्थ हैं.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक उद्योग का सवाल है, इसकी वृद्धि में असमर्थता घरेलू मांग की कमी के कारण है. लोगों के पास पैसा या क्रय शक्ति नहीं है. अधिकांश भारतीय लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति घट रही है और जब कोई मांग नहीं है, तो भविष्य में कोई निवेश नहीं होगा.’

येचुरी ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के अपने अनुमान के अनुसार निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में नए निवेश के प्रस्तावों में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है.

उन्होंने यह भी बताया कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत 180 देशों में 142वें स्थान पर है.

येचुरी ने कहा, ‘सभी जी-20 देशों की तुलना में हमारी प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है. हमारे पास सबसे कम एचडीआई (मानव विकास सूचकांक) है. लोगों के कष्ट बढ़ रहे हैं; बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, भूख सूचकांक आदि लेकिन केंद्र सरकार सभी वैश्विक सूचकांकों को खारिज करती है.’

उन्होंने कहा कि मेहनतकश लोगों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उनका संघर्ष और तेज होगा और 2024 के चुनाव पर असर पड़ेगा.