उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले में एक कार्यक्रम के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का काम जनता को धोखा देना है. भाजपा पहले दिन से ही राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि धोखा देना भाजपा का व्यवहार, व्यवसाय और रणनीति है. यह लोगों के अधिकार और सम्मान को छीनने का काम कर रही है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीते शनिवार (30 दिसंबर) को भाजपा पर अपने राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
उन्होंने भाजपा पर जनता को धोखा देने का भी आरोप लगाया.
द प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के एटा जिले के नगला दांडी इलाके में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा का काम जनता को धोखा देना है. भाजपा पहले दिन से ही राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है.’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में असमानता बढ़ी है. उन्होंने कहा, ‘धोखा देना भाजपा का व्यवहार, व्यवसाय और रणनीति है. यह लोगों के अधिकार और सम्मान को छीनने का काम कर रही है.’
उन्होंने कहा, ‘इस असमानता को खत्म करने के लिए समाजवादी पार्टी ने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्याक) एकीकरण का आह्वान किया है.’
अखिलेश ने यह भी दावा किया कि देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है. उन्होंने कहा, ‘लोग चिंतित हैं, गरीबों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसाकर परेशान और बदनाम करती है. उन्होंने कहा कि जनता विपक्ष के इंडिया गठबंधन के पक्ष में अपना वोट देकर उसे सत्ता से बाहर कर देगी.
2024 के लोकसभा चुनाव को ‘लोकतंत्र और संविधान को बचाने’ वाला बताते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जनता से जुड़े सवालों का सामना करने से बचने के लिए ‘विपक्षी सांसदों को निलंबित’ कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘लोगों को बहुत सावधान रहना होगा. अगर वे (भाजपा) दोबारा सरकार में आए तो वे लोगों से वोट देने का अधिकार छीन लेंगे.’
उन्होंने ने यह भी दावा किया कि इंडिया गठबंधन उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा को हराएगा. उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा हारेगी तो ही लोकतंत्र और संविधान बचेगा.’