तहरीक-ए-हुर्रियत का नेतृत्व एक समय दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी करते थे, जिनकी जगह मसरत आलम भट ने ली थी. भट की पार्टी मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर को भी 27 दिसंबर को प्रतिबंधित कर दिया गया था. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर को अलगाव को बढ़ावा देने की गतिविधियों में शामिल है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रविवार को पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत (टीईएच) जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी प्रचार फैलाने के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्णय की घोषणा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि समूह को भारत विरोधी प्रचार फैलाते हुए और जम्मू कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखते हुए पाया गया था.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा.
शाह ने एक्स पर लिखा, ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू कश्मीर (टीईएच) को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक ‘गैर-कानूनी संघ’ घोषित किया गया है. यह संगठन जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है.’
The ‘Tehreek-e-Hurriyat, J&K (TeH) has been declared an ‘Unlawful Association’ under UAPA.
The outfit is involved in forbidden activities to separate J&K from India and establish Islamic rule. The group is found spreading anti-India propaganda and continuing terror activities to…— Amit Shah (@AmitShah) December 31, 2023
पाकिस्तान समर्थक समूह का नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी करते थे, जिनकी जगह मसरत आलम भट ने ली थी. भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए भी जाना जाता है.
भट्ट फिलहाल जेल में हैं और उनकी पार्टी मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर को 27 दिसंबर को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था.