यूपी: अस्पताल कर्मचारियों पर गर्भवती महिला को भर्ती न करने का आरोप, गेट पर जन्‍मे बच्‍चे की मौत

उत्तर प्रदेश के बदायूं स्थित ज़िला महिला अस्पताल का मामला. आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने महिला के परिजनों से जांच के लिए 5,000 रुपये की मांग की थी. पैसे नहीं होने के कारण उन्होंने महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया. ज़िला मजिस्ट्रेट ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Unicef India)

उत्तर प्रदेश के बदायूं स्थित ज़िला महिला अस्पताल का मामला. आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने महिला के परिजनों से जांच के लिए 5,000 रुपये की मांग की थी. पैसे नहीं होने के कारण उन्होंने महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया. ज़िला मजिस्ट्रेट ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Unicef India)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर स्थित जिला महिला अस्पताल के गेट पर एक महिला ने अपने बच्चे को जन्म दिया, क्योंकि उसके कर्मचारियों ने कथित तौर पर फीस के पैसे नहीं ​होने के कारण उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया था. जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु हो गई.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, बदायूं के जिलाधिकारी मनोज कुमार ने रविवार (31 दिसंबर) को कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, कबूलपुरा मोहल्ले की रहने वाली नीलम नाम की महिला के परिजनों के मुताबिक, शनिवार (30 दिसंबर) शाम को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर वे उन्हें जिला महिला अस्पताल ले गए.

नीलम के पति रवि ने दावा किया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था और वहां के कर्मचारियों ने उनकी पत्नी को भर्ती करने से इनकार कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि बहस के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने उनसे जांच के लिए 5,000 रुपये देने को कहा.

रवि ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने और उनकी पत्नी ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो अस्पताल कर्मचारियों ने उन्हें ‘धक्का देकर’ बाहर निकाल दिया.

जब तक परिवार अस्पताल के गेट पर पहुंचा नीलम को अत्यधिक दर्द हो रहा था और उन्होंने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया. उन्होंने कहा कि इलाज के अभाव और ठंड के कारण बच्चे की जल्द ही मौत हो गई.

जिला मजिस्ट्रेट कुमार ने कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट को घटना की जांच करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा, ‘यह बेहद गंभीर मामला है. ऐसी लापरवाही किसी भी सूरत में माफ नहीं की जा सकती.’

उन्होंने कहा कि अस्पताल स्टाफ ने महिला को भर्ती करने से इनकार कर ‘दुर्व्यवहार’ किया. सिटी मजिस्ट्रेट को घटना की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.

कुमार ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.