उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के कार्यकाल को केंद्र सरकार ने तीसरी बार बढ़ाया

1984 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा बीते 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे. अब उनका कार्यकाल जून 2024 तक छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत को राजस्थान का मुख्य सचिव नियुक्त किया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा. (फोटो साभार: एक्स/@ChiefSecyUP)

1984 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा बीते 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे. अब उनका कार्यकाल जून 2024 तक छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत को राजस्थान का मुख्य सचिव नियुक्त किया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा. (फोटो साभार: एक्स/@ChiefSecyUP)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ा दिया है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत को राजस्थान का मुख्य सचिव नियुक्त किया है, जो उन तीन राज्यों में से एक है, जहां भाजपा ने हाल के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में मुख्य सचिवों के सम्मेलन के कुछ ही दिनों बाद शनिवार (30 दिसंबर) शाम को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की बैठक में ये निर्णय लिए गए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 1984 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी मिश्रा बीते 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे. अब उनका कार्यकाल जून 2024 तक छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है.

वहीं, अगस्त में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव के रूप में तैनात 1991-बैच के अधिकारी पंत को मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति से पहले उनके कैडर राज्य में वापस भेज दिया गया था.

सूत्रों ने कहा कि पंत की अपने राज्य में वापसी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नौकरशाही में इसी तरह के बदलाव की संभावना का संकेत दिया है, जहां भाजपा ने इस महीने की शुरुआत में चुनाव जीता था.

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले वरिष्ठ नौकरशाहों को मुख्य सचिव का पद संभालने के लिए उनके कैडर राज्यों में वापस भेजा जाएगा. प्रभावी प्रशासन के अलावा उनसे 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए केंद्रीय कल्याण योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाएगी.

सूत्रों ने कहा कि केंद्र आने वाले दिनों में दिल्ली सरकार के अधीन विभागों में ‘महत्वपूर्ण पदों’ के साथ दिल्ली में भी इसी तरह का नौकरशाही फेरबदल कर सकता है. साथ ही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सहित अन्य के भी इस बदलाव का हिस्सा बनने की उम्मीद है.

इस फेरबदल से पुदुचेरी और चंडीगढ़ जैसे केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) में नियुक्तियों पर भी असर पड़ने की संभावना है, जो 1988 से प्रशासक के सलाहकार के बिना काम कर रहे हैं – यह पद राज्यों के मुख्य ​​सचिव के समकक्ष माना जाता है – क्योंकि 1988 बैच के आईएएस अधिकारी धर्मपाल अक्टूबर के अंत में सेवानिवृत्त हुए थे.

धर्मपाल के अलावा उसी बैच और कैडर के दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता भी नवंबर के अंत तक सेवानिवृत्त होने वाले थे.

जहां नरेश कुमार का कार्यकाल अंतत: केंद्र द्वारा छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया (मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया), मेहता की जगह 1989 बैच के एजीएमयूटी कैडर अधिकारी अटल दुल्लू को नियुक्त किया गया.