बांग्लादेश: नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस श्रम क़ानूनों के उल्लंघन के आरोप में दोषी क़रार

बांग्लादेश की राजधानी ढाका की एक अदालत ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस के साथ उनके द्वारा स्थापित सामाजिक व्यवसाय कंपनी ‘ग्रामीण टेलीकॉम’ के तीन अन्य अधिकारियों को छह महीने की साधारण कारावास की सज़ा सुनाई है. उन्हें तुरंत ज़मानत भी मिल गई. उनके समर्थकों ने उनकी दोषसिद्धि को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है.

मुहम्मद यूनुस. (फोटो साभार: Wikimedia commons CC BY-SA 3.0)

बांग्लादेश की राजधानी ढाका की एक अदालत ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस के साथ उनके द्वारा स्थापित सामाजिक व्यवसाय कंपनी ‘ग्रामीण टेलीकॉम’ के तीन अन्य अधिकारियों को छह महीने की साधारण कारावास की सज़ा सुनाई है. उन्हें तुरंत ज़मानत भी मिल गई. उनके समर्थकों ने उनकी दोषसिद्धि को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है.

बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस. (फोटो साभार: Wikimedia commons CC BY-SA 3.0)

नई दिल्ली: बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस को ढाका की एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में दोषी ठहराया है. उनके समर्थकों द्वारा आरोपों और उनकी दोषसिद्धि को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया जा रहा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, श्रम अदालत के न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप साबित हुआ है. ऐसा प्रतीत होता है कि आरोप को किसी सीमा तक सीमित नहीं किया गया है.’

यूनुस के साथ उनके द्वारा स्थापित सामाजिक व्यवसाय कंपनी ‘ग्रामीण टेलीकॉम’ के तीन अन्य अधिकारियों को छह महीने की साधारण या गैर-कठोर कारावास की सजा सुनाई गई. प्रत्येक को 5,000 टका (बांग्लादेशी मुद्रा) के बॉन्ड भरने के बाद तुरंत एक महीने की जमानत दे दी गई.

यूनुस के वकील अब्दुल्ला अल मामुन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, ‘यह फैसला अप्रत्याशित है. हमें न्याय नहीं मिला.’

उनके इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने की संभावना है.

यूनुस के समर्थकों का मानना है कि उनके और उनके द्वारा स्थापित कंपनियों के खिलाफ आरोप शेख हसीना की सरकार के साथ उनके लंबे विवाद का परिणाम हैं. हसीना ने उन पर गरीबों का ‘खून चूसने’ का आरोप लगाया.

यूनुस और ग्रामीण टेलीकॉम के तीन सहयोगियों के खिलाफ आरोप है कि कंपनी ने श्रमिक कल्याण कोष बनाने में विफल होकर श्रम कानूनों का उल्लंघन किया है. यूनुस इस संबंध में 100 से अधिक अन्य आरोपों का सामना कर रहे हैं.

2006 में नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले 83 वर्षीय यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से अपने गरीबी-विरोधी अभियान के माध्यम से लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है. यह एक ऐसी योजना है, जिसे कई अन्य देशों में भी दोहराया गया है.

2008 में जब हसीना ने सत्ता संभाली, तब से यूनुस की लगभग 50 सामाजिक व्यवसाय कंपनियां कई कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए विभिन्न तरह की जांच से गुजर रही हैं.

अगस्त में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून सहित 160 वैश्विक हस्तियों ने यूनुस के ‘निरंतर न्यायिक उत्पीड़न’ की निंदा करते हुए एक संयुक्त पत्र प्रकाशित किया था. पत्र, जिस पर 100 से अधिक नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने भी हस्ताक्षर किए थे, में कहा गया था कि उन्हें ‘उनकी सुरक्षा और स्वतंत्रता’ का डर है.

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