पनडुब्बी परियोजना ​कथित रूप से गुजरात जाने की सूचना पर विपक्ष ने शिंदे सरकार पर निशाना साधा

भारत की पहली पनडुब्बी परियोजना की योजना महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के निवाती रॉक में बनाई गई थी, अब इसके कथित तौर पर गुजरात के द्वारका में शुरू होने की सूचना है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि परियोजना को गुजरात स्थानांतरित करने के आरोप झूठे हैं. विपक्ष द्वारा फैलाई जा रहीं झूठी ख़बरों पर विश्वास न करें.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे. (फोटो साभार: फेसबुक)

भारत की पहली पनडुब्बी परियोजना की योजना महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के निवाती रॉक में बनाई गई थी, अब इसके कथित तौर पर गुजरात के द्वारका में शुरू होने की सूचना है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि परियोजना को गुजरात स्थानांतरित करने के आरोप झूठे हैं. विपक्ष द्वारा फैलाई जा रहीं झूठी ख़बरों पर विश्वास न करें.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने कथित तौर पर एक और परियोजना को राज्य से गुजरात ले जाने के लिए एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना की है.

बताया जा रहा है कि भारत की पहली पनडुब्बी परियोजना, जिसकी योजना महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के निवाती रॉक में बनाई गई थी, अब कथित तौर पर गुजरात के द्वारका में इसके शुरू होने की उम्मीद है.

हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे झूठी खबर बताया है.

इस परियोजना की घोषणा महाराष्ट्र सरकार ने 2018 में की थी और इसके लिए 56 करोड़ रुपये अलग रखे जाने थे. हालांकि, परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात सरकार की ओर से कहा गया है कि यह परियोजना अब द्वारका में शुरू की जाएगी. इसके लिए मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

इसे लेकर शिवसेना (यूबीटी) विधायक वैभव नाइक ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘इस परियोजना की घोषणा कुछ साल पहले की गई थी. (अवि​भाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली) एमवीए सरकार के कार्यकाल के दौरान इसके लिए बजटीय आवंटन किया गया था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘परियोजना के लिए समुद्री विशेषज्ञ सारंग कुलकर्णी को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था और लगभग 200 करोड़ रुपये में पनडुब्बी खरीदने के बारे में प्राथमिक चर्चा हुई थी. लेकिन जब से शिंदे-फडणवीस सरकार आई है, इस दिशा में कोई विकास नहीं हुआ है. अब हमें पता चला है कि इस परियोजना को गुजरात के द्वारका स्थानांतरित किया जा रहा है.’

गुजरात में परियोजनाएं स्थानांतरित होने के बीच विपक्षी नेताओं ने मूकदर्शक बने रहने के लिए शिंदे-फड़णवीस सरकार की आलोचना की है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘गुजरात ने महाराष्ट्र की 17 परियोजनाएं छीन ली हैं, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस इसके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं.’

राकांपा (शरद पवार) विधायक जितेंद्र अवहाद ने कहा, ‘यह डकैती के अलावा और कुछ नहीं है. गुजरात उन परियोजनाओं को छीन रहा है, जो युवाओं को रोजगार देती हैं और बदले में युवाओं को बर्बाद करने वाली दवाओं की आपूर्ति कर रही है. ‘सब कुछ गुजरात ले जाओ.’

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘यह राज्य सरकार गुजरात को और कितनी परियोजनाओं का उपहार देने जा रही है? एक के बाद एक परियोजनाएं वहां ले जाई गई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री और दो उप-मुख्यमंत्री केवल अपने राजनीतिक आकाओं को सलाम करने के लिए दिल्ली जाते हैं.’

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि परियोजना को गुजरात स्थानांतरित करने के आरोप झूठे हैं.

उन्होंने कहा, ‘कोई भी परियोजना गुजरात नहीं जा रही है. विशेषकर विपक्ष द्वारा फैलाई जा रहीं झूठी खबरों पर विश्वास न करें. पर्यटन मंत्री मेरे साथ हैं, उन्होंने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी कोई परियोजना राज्य से बाहर नहीं गई है. उन परियोजनाओं के बारे में क्या जो एमवीए द्वारा रोक दी गई थीं. हमने न केवल उन्हें फिर से शुरू किया है, बल्कि उन्हें पूरी गति से पूरा भी कर रहे हैं.’

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.