ख़ून बिक्री के लिए नहीं है, सिर्फ़ प्रोसेसिंग शुल्क ही वसूलें ब्लड सेंटर: औषधि महानियंत्रक

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने आपूर्ति और प्रोसेसिंग लागत को छोड़कर ब्लड यूनिट्स पर वसूले जाने वाले सभी शुल्कों पर प्रतिबंध लगा दिया है. डीजीसीआई ने कहा है कि ख़ून बिक्री के लिए नहीं है, यह केवल आपूर्ति के लिए है और ब्लड सेंटर द्वारा इसकी केवल प्रोसेसिंग लागत ही ली जा सकती है.

(प्रतीकात्मक फोटो: Pixabay)

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने आपूर्ति और प्रोसेसिंग लागत को छोड़कर ब्लड यूनिट्स पर वसूले जाने वाले सभी शुल्कों पर प्रतिबंध लगा दिया है. डीजीसीआई ने कहा है कि ख़ून बिक्री के लिए नहीं है, यह केवल आपूर्ति के लिए है और ब्लड सेंटर द्वारा इसकी केवल प्रोसेसिंग लागत ही ली जा सकती है.

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नई दिल्ली: भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने बीते गुरुवार (4 जनवरी) को आपूर्ति और प्रोसेसिंग लागत को छोड़कर ब्लड यूनिट्स पर पर लिए जाने वाले सभी शुल्कों पर प्रतिबंध लगा दिया. डीसीजीआई ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर सह-लाइसेंसिंग अधिकारियों को एक पत्र भेजकर यह जानकारी दी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीजीआई ने सितंबर 2023 में हुई ड्रग्स कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक का जिक्र करते हुए लिखा, ‘एटीआर बिंदु 3 के एजेंडा संख्या 18 के संबंध में खून की अधिक कीमत वसूलने को लेकर अनुशंसा की गई थी. यह राय दी गई कि खून बिक्री के लिए नहीं है, यह केवल आपूर्ति के लिए है और ब्लड सेंटरों द्वारा केवल इसकी प्रसंस्करण लागत (Processing Cost) ही ली जा सकती है.’

डीसीजीआई ने औषधि नियंत्रक सह-लाइसेंसिंग प्राधिकारियों से सभी ब्लड सेंटरों को प्रोसेसिंग शुल्क की वसूली के लिए संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश देने को भी कहा है.

जब कोई व्यक्ति रक्तदान करता है, तो इसे सीधे रोगी को नहीं चढ़ाया जाता है. दान किए गए रक्त, जिसे संपूर्ण रक्त (Whole Blood) कहा जाता है, को ट्रांसफ्यूजेबल घटकों में अलग करने के लिए सेंट्रीफ्यूज में प्रोसेस किया जाता है. इसमें लाल रक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा शामिल हैं. इस कवायद को ब्लड प्रोसेसिंग कहा जाता है और इस पर लागत आती है.

शुल्क को मानकीकृत करने और उसकी अधिकतम सीमा तय करने के लिए केंद्र ने 2022 में एक दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि निजी ब्लड बैंक संपूर्ण रक्त की प्रोसेसिंग के लिए 1,550 रुपये से अधिक शुल्क नहीं ले सकते.

पैक्ड लाल कोशिकाओं, ताजा जमे हुए प्लाज्मा और प्लेटलेट कॉन्संट्रेट के लिए प्रो​सेसिंग शुल्क निजी प्रयोगशालाओं के लिए क्रमश: 1,550 रुपये, 400 रुपये, 400 रुपये तय किए गए हैं.

इसके अलावा सरकार द्वारा संचालित ब्लड सेंटरों में संपूर्ण रक्त और पैक्ड लाल कोशिकाओं के प्रोसेसिंग की लागत 1,100 रुपये तय की गई है.